Book Title: Jain Dharm Ka Jivan Sandesh
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 42
________________ ४० और व्यवहार सहजता-पूर्वक चलता है। स्याद्वाद नय-सापेक्ष होता है और अंग्रेजी में नय के लिए पोइन्ट ऑफ व्यू point of view-शब्द का प्रयोग होता है। नय का अभिप्राय ही है-वक्ता का दृष्टिकोण, उसका अभिप्राय। अंग्रेजी बोलने वाले बात-बात में कहते हैंI mean to say-आई मीन टु से (मेरा अभिप्राय यह है) माई पोइन्ट ऑफ व्यू इज़ दिस My point of view is this (मेरा दृष्टिकोण यह है) इन शब्दों में स्याद्वाद की ही झलक प्राप्त हो रही है। तत्व का निर्णय करने के लिए स्याद्वाद बहुत ही वैज्ञानिक प्रणाली है। वस्तु अनेक धर्मात्मक होती है। उन अनेक धर्मों को स्याद्वाद द्वारा ही समझा जा सकता है। उदाहरणार्थ-कोयला काला होता है; किन्तु उसमें श्वेत चमकदार वस्तु की अवस्थिति भी है, जो हीरे के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है और काले-कलूटे कोयले से हीरे बनाकर संसार

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