Book Title: Jain Dharm Ka Jivan Sandesh
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 38
________________ करना और इतने पर भी व्यक्ति पर असर न हो, वह बेअसर रहे तो उसे विभिन्न प्रकार के दवाब देना, बल प्रयोग करना, जोर-जबरदस्ती करना, किसी भी प्रकार अपने ताबे में लाना। . डेल कार्नेगी ने अपनी पुस्तक हाउ टु इन्फ्लुएन्स पीपुल एण्ड विन फ्रेण्ड्स (Howtoinfluence people and win friends) में एक बात कही है-कभी भी अपने विचारों का आग्रह मत करो और यह कोशिश भी न करो कि सामने वाला व्यक्ति आपके मत को स्वीकार कर ही ले। सिर्फ सुझाव देकर चुप हो जाओ। आप स्वयं देखोगे कि उस व्यक्ति ने आपके सुझाव पर अमल करना शुरू कर दिया है, दूसरे शब्दों में आपके विचारों को मान लिया है। इस प्रक्रिया को वह मित्रता तथा अन्य लोगों को प्रभावित करने का अचूक नुस्खा मानता है। डेल कार्नेगी के इन विचारों में भी जैन धर्म के अनाग्रह सिद्धान्त की गूंज ही सुनाई दे रही है। कल्पना करिए-आपका पुत्र है, अभी चार-पाँच वर्ष का है, किसी वस्तु को लेने की

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