Book Title: Gyansara
Author(s): Yashovijay Upadhyay, Bhadraguptasuri
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 15
________________ ज्ञानसार-परिशिष्ट or or or or or or or or or orrrrrrrrrrrr mm कृष्णपक्ष-शुक्लपक्ष ग्रन्थिभेद अध्यात्मादि योग चतुर्विध सदनुष्ठान ध्यान धर्मसंन्यास-योगसंन्यास समाधि पांच आचार आयोजिकाकरण, समुद्घात, योगनिरोध १४ गुणस्थानक नयविचार ज्ञपरिज्ञा-प्रत्याख्यानपरिज्ञा पंचास्तिकाय कर्मस्वरुप जिनकल्प-स्थविर कल्प उपसर्ग-परिसह पांच शरीर बीस स्थानक तप उपशम श्रेणी चौदह पूर्व पुद्गल परावर्त काल कारणवाद चौदह राजलोक यतिधर्म सामाचारी गोचरी के ४२ दोष चार निक्षेप चार अनुयोग ब्रह्म अध्ययन पैंतालीस आगम तेजोलेश्या Maxom MGMKWM GANGximoon womMWMKuw Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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