Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir जलेनानिंप्रदक्षिणक्रमेणपर्युक्ष्य प्रणीतापात्रेपवित्रेधृत्वाब्रह्मणान्वारब्धःपातितद। क्षिणजानुर्जुहुयात्ततआहुतिचतुष्टयेप्रत्याहुत्यनंतरंहुतशेषस्यघृतस्यप्रोक्षणीपात्रे । प्रक्षेपाततःसमिद्धतमेग्नौ प्रजापतयेस्वाहाइदंप्रजापतये इतिमनसाइंद्रायस्वा । हा इदमिंद्राय०इत्याघारौ ॐ अग्नयेस्वाहा इदमग्नये० ॐ सोमायस्वाहा इदंसोमा || य०इत्याज्यभागौ ततोऽन्वारब्धस्थालीपाकेनहोमः प्रजापतयेस्वाहा इदंप्रजापत | ये०इतिमनसा ततोनन्वारब्धोजुहुयात् तत्तदाहुत्यनंतरसुवावस्थितहुतशेषस्यप्रोक्ष । Mण्यांप्रक्षेपःतत्रैवाज्यस्थालीपाकाभ्यांस्विष्टकहोमः अग्नयेविष्टकृतेस्वाहाइदमन || येस्विष्टकृते. भूस्वाहाइदमग्नयेनमम भुवःस्वाहा इदंवायवे०स्वारवाहा इदं सूर्याय० एतामहाव्याहृतयः ॐ त्वन्नोअग्नेवरुणस्यविद्वान्देवस्यहेडोअवयासिसी కడతలు జలములను 09840RSTIपल्लामालसाफसर For Private and Personal Use Only

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