Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir Cessoलका SAR ॐपितरआयुष्मंतस्तेस्वधाभिरायुष्मंतस्तेनत्वायुषायुष्मंतंकरोमि ६ॐ यज्ञआयु । मान्सदक्षिणाभिरायुष्मास्तेनत्वायुषायुष्मंतंकरोमि७३१ समुद्रआयुष्मान्त्सलवं । तीभिरायुष्माँस्तेनत्वायुषायुष्मंतंकरोमि ८ इतित्रिर्जपित्वा न्यायुषजमदग्नेःक । श्यपस्यव्यायुषयद्देवेषुच्यायुषं तन्नोअस्तुभ्यायुषं इतित्रिर्जपित्वा अथतस्यदीर्घमा । युःकामयमानःपुत्रमभिरपृशन्वागजपतिसचायं ॐदिवस्परिप्रथमंजज्ञेअग्निरस्य । द्वितीयंपरिजातवेदाःटतीयमप्सुनृमणाअजस्रमिंधानएनजरतेस्वाधीः १४विना ।। । तेअग्नेत्रधात्रयाणिविद्मातेधामविभूतापुरुत्रा विद्मातेनामपरमंगुहायद्वियातमुत्स। यतआजगंथसमुद्रेत्वानुमणाअप्स्वंतत्र्चमाईधेदिवोअग्नऊधतीयेत्वारज सितस्थिवा समपामुपस्थमेहिषाअवईन् ३ ॐअकंदग्निःस्तनयन्निवद्योःक्षामारे For Private and Personal Use Only

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