Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath
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बाय।ततोब्रह्मणान्वारब्धकर्तृकोहोमः तत्रतत्तदाहुत्यनंतरसुवावस्थितहुतशेषद्रव्य
स्यप्रोक्षणीपात्रेप्रक्षेपःतत्रैवाज्यस्थालीपाकाभ्यांस्विष्टकृतं अग्नयेस्विष्टकृतेस्वा । ॥१२॥ हाइदमनयेस्विष्टकते ततआज्येनभूःस्वाहाइदमग्नये. भुवःस्वहाइदंवायवन ।
स्वःस्वाहाइदंसूर्यायन०एतामहाव्याहृतयःत्वन्नोअग्नेवरुणस्यविद्वान्देवस्यहे । । डोअवयासिसीष्ठाःयजिष्ठोवह्नितमःशोशुचानोविश्वाषा:सिप्रमुमुग्ध्यस्मत्स्वाहा । इदमनीवरुणाभ्यां सस्वन्नोअग्नेवमोभवातीनेदिष्ठोअस्याउषसोव्युष्टौअवयव । नोवरुणराणोवीहिमृडीकसुहवोनएधिस्वाहाइदमनीवरुणाभ्यां० ॐअयाश्या । नस्यनभिशस्तिपाश्चसत्वमित्वमयाअसि अयानोयज्ञवहास्ययानोधेहिषजस्वा ।।। १२ ।। हा इदमग्नये०४येतेशतंवरुणयेसहसंयज्ञियाःपाशाविततामहांतःतभिर्नोअयसवि
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-TALA
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