Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath
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दक०
॥१६॥
TIMOSAMPA
NEMOHTASSAIRATOMERASIEXANEINDIMEDIA
। अवयासिसीष्ठाः यजिष्ठोवह्नितमः शोशुचानोविश्वाषा सिप्रमुमुग्ध्यस्मत्स्वाहा ।। इदमग्नीवरुणाभ्यां० ८ ॐ सत्वन्नोअग्नेवमोभवोतिनेदिष्ठोअस्याउषसोव्युष्टौ अ वयक्ष्वनोवरुणराणोवीहिमृडीक सुहवोनएधिस्वाहा इदमनीवरुणाभ्यां० ९ ॐ अयाश्याग्नेस्यनभिशस्तिपाश्चसत्वमित्वमयाअसि अयानोयज्ञवहास्ययानोधे । हिभेषजवाहा इदमग्नये. १० ॐ येतेशतंवरुणयेसहसंयज्ञियाःपाशावितता। महांतः तेभितॊअयसवितोतविष्णुर्विश्वेमंचंतुमरुतःस्वर्गःस्वाहा इदंवरुणायसवि विष्णवेविश्वेश्योदेवेभ्योमरुद्भयःस्वर्के यश्च० ११*उदुत्तमंवरुणपाशमस्मदवा | धर्मविमध्यम श्रथाय अथावयमादित्यवतेतवानागसोअदितयेस्यामस्वाहा इदं ॥१६॥ वरुणाय० १२ इतिसर्वप्रायश्चित्तं ॐ प्रजापतयेस्वाहा इदंप्रजापतये० १३इतिम
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