Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath

View full book text
Previous | Next

Page 74
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir Marayers PARSA8 SEPORIERRIAGAR षिच्य ततोवशिष्टकलशत्रितयजलंतथैव येप्स्वंतरमय इतिमंत्रणप्रत्येकंगृहीत्वा तू || ष्णींप्रत्येकमभिषिचति ततोमेखलामोचनंशिरोभागेन *उदुत्तमंवरुणपाशमस्म || दवाधर्मविमध्यम श्रथाय अथावयमादित्यव्रतेतवानागसोअदितयेस्याम इतिम त्रण दंडरुष्णाजिनेतूष्णीभूमौनिधाय अन्यत्रंपरिधायोत्तरीयंचक्रत्वाचम्य बद्धा ।। जलिरादित्यमुपतिष्ठेत् ब्रह्मचारी उद्यन्नाजभृष्णुरिंद्रोमरुद्भिरस्थात् प्रातांच भिरस्थात्दशसनिरसिदशसनिमाकुर्वाविदन्मागमयोयन्धाजभूष्णुरिंद्रोमरुद्भिर स्थाददिवायावभिरस्थाच्छतसनिरसिशतसनिमाकुळविदन्मागमयोयनभाजभ ष्णुरिंद्रोमरुद्भिरस्थात्सायंयावभिरस्थात्सहस्रसनिरसिसहस्रसनिमाकुर्वाविदन्मा | गमय इतिमंत्रेण ततोदधितिलान्वाप्राश्याचम्य जटालोमनखादींश्छेदयित्वा Russalorialssayp apMMISTMAITERARMER RASHTRANS For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122