Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath
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तोयज्ञोपवीतंपरिदधातिमाणवकः ॐ यज्ञोपवीतमितिमंत्रस्य परमेष्ठीऋषिर्लिंगो तादेवतात्रिष्टुपूछंदोयज्ञोपवीत परिधानेविनियोगः ॐ यज्ञोपवीतं परमं पवित्रप्रजा पतेर्यत्सहजं पुरस्तात् आयुष्यमग्र्यं प्रतिमुंचशुभ्रंयज्ञोपवीतंबलमस्तुतेजः इतिमंत्रेण ततऐणेयमजिनंतूष्णींपरिधत्तेत तोमाणवक केशपरिमितपालाश दंडमाचार्यस्तूष्णीं तस्मै प्रयच्छति तंच योमे दंड इतिप्रजापतिर्ऋषिर्दडोदेवता यजुर्दंडग्रहणे विनियोगः ॐ योमेदंडः परापतद्वैहायसोधिभूम्यां तमहंपुनराददआयुषेब्रह्मणे ब्रह्मवर्चसाय इ तिमंत्रेण माणवकोगृह्णाति ततआचर्योवारिणास्वमंजलिंपूरयित्वा कुमारस्यांज | लिंतेनैवांजलिजलेनपूरयति ॐ आपोहिष्ठामयोभुवस्तान ऊर्जेदधातन महेरणाय चक्षसे ॐ योवः शिवतमोरसस्तस्य भाजयते हनः उशतीरिवमातरः ॐ तस्मा अरं
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