Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath
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कारयति अथाचार्योमाणवकं भूतेश्यःपरिददाति तत्रआचार्यस्यमंत्रपाठः ॐ प्र। जापतयेत्वापरिददामीतिप्राच्यां ॐदेवायत्वासविपरिददामि इतिदक्षिणस्यांॐ अद्भयस्त्वोषधीभ्यःपरिददामि इतिप्रतीच्यांॐयावापृथिवीभ्यांत्वापरिददामि इति । उदीच्यां ॐ विश्वेश्यस्त्वादेवेभ्यःपरिददामीत्यधः ॐ सर्वेश्यस्त्वाभूतेभ्यःपरिददा । यरिष्ट्यैइत्यूचं ततोनिंप्रदक्षिणीकृत्य आचार्य दक्षिणदिशिउपविशतिमाणवकःत तः पुष्पचंदनतांबूलवासांस्यादाय ततः ॐ अद्यकर्तव्योपनयनहोमकर्मणिरुतारु तावेक्षणरूपब्रह्मकर्मकर्तुममुकगोत्रममुकशाणंब्राह्मणमेभिः पुष्पचंदनतांबूल । वासोभिब्रह्मत्वेनत्वामहंटणे इतिब्रह्माणंटणुयात् ॐ टतोऽस्मीतिवचनम् पुष्पचं दनतांबूलवस्त्राण्यादाय अयकर्तव्योपनयनकर्मणिहोटत्वकर्मकर्तुममुकगोत्रममु
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