Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रक्षेपः प्रजापतयस्वाहा इदंप्रजापतये इतिमनसा ॐइंद्रायस्वाहाइदमिंद्रायः ! Pइत्याघारौॐअग्नयेस्वाहा इदमग्नये०ॐसोमायस्वाहा इदंसोमाय ० इत्याज्यभागी ततोनन्वारब्धेनासाधारणासाधारणाहुतिद्वयम्॥तत्रप्रथमाहुतिमंत्रः॥ॐ देवींवाच । मजनयंतदेवास्तांविश्वरूपाःपशवोवदंति सानोमंद्रेषमूर्जदुहानाधेनुवागस्मानुपसु Hष्टतैतु इदंवाचे०॥द्वितीयाहुतिस्तु ॥ ॐदेवींवाचमित्यादिमंत्रःवाजोनोअयप्रस। वातिदानंवाजोदेवा ऋतुभिः कल्पयाति वाजोहिमासर्ववीरंजजानविश्वाअशा । वाजपतिर्जयेय स्वाहा इदंवाचेवाजाय इतिमंत्राभ्यां ॥ ततःस्थालीपाकेनाहुतिच । । तुष्टयं॥प्राणेनान्नमशीयस्वाहाइदंप्राणाय.ॐ अपानेनगंधमशीयस्वाहाइदमपा । । नाय०चक्षुषारूपाण्यशीयस्वाहाइदंचसुषे ० ॐश्रोत्रेणयशोऽशीयस्वाहाइदंश्रो For Private and Personal Use Only

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