Book Title: Dashkarm Paddhati
Author(s): Hariprasad Bhagirath
Publisher: Hariprasad Bhagirath
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॥६॥
द०० । ततोवधूसमीपेपतिर्जपति ॐअवैतुपृश्निशेवल शुनेजरायत्तवेनैवमा सेनपीवरी । पद्ध०
नकमिश्चनायतनमवजरायुपद्यतामिति ततःपुत्रेजातेनाभिवर्द्धनीयात्प्राक्कृताभ्यु दयिकःकुमारंदक्षिणकरस्यानामिकयास्वर्णांतर्हितयामधुघृतेएकीकृत्यघृतमेववाणा शयति ॐभस्त्वयिदधामि ॐभुवस्त्वयिदधामि ॐस्वस्त्वयिदधामि भूर्भुवःस्वः सर्वत्वयिदधामिइतिमंत्रेण॥एतच्चमेधाजननं ॥ततःकुमारस्यदक्षिणकर्णेनाभ्यांवा मुखंदत्त्वा अग्निरायुष्मान्सवनस्पतिभिरायुष्मास्तेनत्वायुषायुष्मंतंकरोमि १ ॐ सोमआयुष्मान्सओषधीभिरायुष्माँस्तेनत्वायुषायुष्मंतंकरोमिर ब्रह्मायुष्मत्तद्वा । ह्मणैरायुष्मत्तेनत्वायुषायुष्मंतंकरोमि३ॐ देवाआयुष्मंतस्तेऽमृतेनायुष्मंतस्तेनत्वा । युषायुष्मंतंकरोमिऋषयआयुष्मंतस्तेवतैरायुष्मंतस्तेनत्वायुषायुष्मंतंकरोमि ।
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॥६॥
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