Book Title: Chintan ke Zarokhese Part 3
Author(s): Amarmuni
Publisher: Tansukhrai Daga Veerayatan

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Page 11
________________ निष्क्रिय होते जा रहे हैं। दूसरी ओर विज्ञान तथा क्रान्ति के नाम पर अन्धा तूफान चल रहा है, जिसमें मानवता की जड़ें उखाड़ी जा रही हैं। आवश्यकता है, धर्म और विज्ञान के, अध्यात्म और क्रान्ति के यथोचित समन्वय की। महावीर के इस समन्वयवाद में ही क्रान्ति के बीज छिपे हैं। समय की पुकार है कि उन्हें जल्दी-सेजल्दी अंकुरित किया जाए।" मुनिश्री के इस कथन में उनका जीवन - दर्शन, इस वाङमय का प्रयोजन एवं युग-धर्म का प्रबोधन, इस त्रिवेणी संगम का जनता को अनुभव होगा। इससे बढ़ कर इस ग्रन्थ का श्रेष्ठत्व कौन बता सकेगा ? मुनिश्री का यह उद्बोधक विचार धन पढ़ते समय स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गाँधी, सन्त विनोबा इन विभूतियों की साहित्यिक कृतियों का स्मरण हो आता है। मुनिश्री के ये निबन्ध विषय की दृष्टि से चुनिन्दा, रसास्वाद की दष्टि से रोचक, मार्गदर्शन की दृष्टि से प्रेरक, साधक की दृष्टि से जीवन - मोचक तथा समाज सेवकों की दृष्टि से क्रान्तिकारक हैं । अनुभूति एवं सहानुभूति, भाग्य एवं वैराग्य, स्वार्थ एवं परमार्थ, सद्गति एवं प्रगति, शान एवं ज्ञान तथा व्यक्ति एवं समष्टि के समन्वय पर जोर देने वाले भारतीय अवतारी पुरुषों, सन्त-मुनियों के जीवन - दर्शन की परम्परा इस ग्रन्थ के हर पृष्ठ में दिग्दर्शित होती है । साहित्यिक सुरस प्रासादिकता, विचारों की प्रग्लभता, द्रष्टा की प्रतिभा, आत्म रूप की तन्मयता, दीन - होनों के प्रति वत्सलता-एक ही शब्द में कहना हो, तो आध्यात्मिक मानवता की प्रचीति इस ग्रन्थ में सम्यक रूप से होगी। ___व्रती होते हुए भी व्रतों का स्तोम नहीं है, मुनि होते हुए भी समाज विमुखता नहीं है, एक सम्प्रदाय के उपाध्याय होते हुए भी साम्प्रदायिकता नहीं है, मानवीय जीवन मूल्यों के सनातन धर्म का आचरण करते हुए वर्तमान युग धर्म की विस्मृति नहीं है, धर्म के तत्त्व का आग्रह रखते हुए भी अन्ध रूढ़ियों का पूर्वाग्रह नहीं है, साधु - परम्परा के आचार का अवलम्ब करते हुए भी काल बाह्य उपचार नहीं है, जैन - धर्म के प्रवक्ता होते हुए भी संकुचित अभिनिवेश का लवलेश नहीं है, सर्वोपरि आत्म - शान्ति की साधना में संलग्न रहते हुए भी समाज क्रान्ति का अनादर नहीं है। यह है [ दस ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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