Book Title: Charitra Chakravarti
Author(s): Sumeruchand Diwakar Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 12
________________ ॥ महासभा का स्वर्णाक्षरों में लिखने योग्य इतिहास ॥ आचार्यश्री के सुसान्निध्य में सन् १६२८ में श्री सम्मेदशिखर सिद्ध क्षेत्र पर आयोजित महासभा का भव्य अधिवेशन का एक लघु दृश्य व उसमें लिये गये निर्णय अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन धर्म संरक्षिणी महासभा और दिगम्बर जैन शास्त्रिपरिषद् के वार्षिक अधिवेशन संघपति ने कराये । उसमें धर्म तथा समाज के रक्षणोपयोगी (सत्तातित्व संरक्षण, विजातीय- विधवा विवाह निषेध आदि) अनेक विषयों का | निर्णय किया गया। इस महामहोत्सव में दक्षिण, कर्नाटक, द्रविड़, महाराष्ट्र, वऱ्हाड, बुंदेलखंड, मरवाड, गुजरात, राजपुताना, पंजाब, बंगाल, आसाम, आगरा, दिल्ली, कलकत्ता, मुंबई आदि सर्व प्रांतों से दिगम्बर जैन समाज लक्षाबधि आकर इकट्ठा हो गया था । भारत महासभा के पूर्व वर्ष के अध्यक्ष नागपुरनिवासी सवाई सिंघई सेठ मोतीलाल गुलाबसाव, भूतपूर्व सभापति इंदौर निवासी राज्यभूषण दानवीर रायबहादुर सर नाईट आदि उपाधिविभूषित सेठ हुकुमचंद, महासभा के नैमित्तिक इस अधिवेशन के अध्यक्ष रायसाहिब कुंवर मोतीलालजी रानीवाले, ब्यावर निवासी और उनके पिता रायबहादुर धर्मवीर सेठ चंपालाल, शास्त्रीपरिषद् के स्थायी अध्यक्ष पंडितशिरोमणि खंडेलवाल कुलभूषण धन्नालाल कासलीवाल, इन्दौर निवासी, वर्तमान अधिवेशन के अध्यक्ष नानूलाल शास्त्री, जयपुर निवासी, संमेदाचलपर पूर्व में जिन्होंने प्रतिष्ठा कराई थी वे श्रीमान् सिवनीनिवासी रायबहादुर श्री श्रीमंत सेठ पूरणसाहुजी, अजमेरनिवासी रायबहादुर धर्मवीर सेठ टीकचंदजी सोनी, | महासभा के महामंत्री रायसाहिब जातिनेता सेठ चैनसुख छावड़ा, सिवनी निवासी, न्यायतीर्थ | व्याकरणसिद्धांतशास्त्री शास्त्रिपरिषद् के मंत्री सोलापूरवाले बंशीधर शास्त्री, विद्यावारिधि वादीभकेसरी न्यायालंकार धर्मवीर पदोंसे भूषित जैनगजट नाम महासभा के मुखपत्र के संपादक पं. मक्खनलाल शास्त्री, चावली निवासी, स्वाध्याय विभाग के मंत्री धर्मधीर पदसे अलंकृत पं. श्रीलाल पाटनी महोदय अलीगढ़वासी, खंडेलवाल महासभा के मुखपत्र खंडेलवाल हितेच्छुके संपादक कविभूषण पं. इंद्रलाल शास्त्री जयपुरस्थ, खंडेलवाल महासभा के महामंत्री सेठ माणिकचंद बैनाडा कलकत्तानिवासी इत्यादि असंख्य धनवान् विद्वान् सर्व प्रकार के श्रावक इस महोत्सव में इकट्ठे हुए। Jain Education International - आचार्य श्री शांतिसागर महामुनि का चरित्र (संस्करण - सन् १९३४), पृष्ठ : ८६-८७, लेखक : पं. वंशीधरजी शास्त्री, सोलापुर (महा.) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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