Book Title: Charitra Chakravarti
Author(s): Sumeruchand Diwakar Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 11
________________ आचार्य शांतिसागरजी महाराज की जन्म-पत्रिका बुध ४ गुरु राहु २ रवि ३ शुक्र मंगल X १२ जन्म कुंडली शनि चंद्र ११ - केतु ८ १ चंद्र ११६ शनि केतु ८ चंद्र कुंडली राहु २ रवि मंगल ३ बुध ४ गुरु ग्रह-स्पष्ट रवि चंद्र मंगल बुध गुरु शुक्र शनि राहु केतु | २ १० २ ३ ३ २ ८ १ १८ २१ ११ ८ २ १४ १६ २४ १८ १८ अस्य घातचंद्रः ११, घाततिथि: १४, घातवार: गुरुवारः। घातनक्षत्रं आर्द्रा । घातमासश्चैत्रः । गुरोर्जन्म महर्दशा। मनुष्यगणः। कुंभराशिः। तदधिपतिः शनैश्चरः । अस्य फलं पंच विंशतिवर्षे ३२ वर्षे वा अग्निभयं वा शस्त्रभयमिति आर्यावृत्तम्॥ १. साभार - उपर्युक्त कुण्डलियाँ व पिछले पृष्ठ पर निर्देशित जन्म पत्रिका व फल आचार्यश्री __ शांतिसागरजी का चरित्र, प्रकाशन वर्ष १९३४ से लिया गया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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