Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

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Page 346
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सूची ११९९ सूत्रसमम् सूची (स्त्री०) तीक्ष्णाग्र, सुई। (जयो० १५/३३) सूच्य (वि.) [सूच्+ण्यत्] सूचित करने योग्य, इंगित करने योग्य। सूत् (अव्य०) अनुकरणात्मक ध्वनि। सूतं (भू०क०कृ०) [सू+क्त] उत्पन्न, जन्मा हुआ. पैदा हुआ, प्रसूत। (जयो० १०/११७) ० प्रेरित, उद्गीर्ण। सूतः (पुं०) सारथी। (जयो० १/१९) सूतकं (नपुं०) [सूत+कन्] • जन्म, उत्पत्ति। ० अशौच, जनन अशौच। (जयो० २८/३६) सूतकः (पुं०) पारा। सूतका (स्त्री०) [सूत+कन्+टाप्] सद्यः प्रसूता। सूता (स्त्री०) [सूत+टाप्] जच्चा स्त्री। सति (स्त्री०) [स+क्तिन] उत्पत्ति। (जयो० २३/७१) ० जन्म, प्रसव, जनन। ० संतान। ० प्रजा, ० स्रोत। सूतिका (स्त्री०) [सूत+कन्+टाप् इत्वम्] प्रसूति (मुनि०११) ० जच्चा। सूतिकाग्रहम् (नपुं०) प्रसूतिग्रह, प्रसवस्थान। सूतिकागेहम् देखो ऊपर। सूतिकाभवनम् देखो ऊपर। सूतिगृहम् (नपुं०) प्रसूतिगृह, प्रसवघर। सूतिमासः (पुं०) प्रसवमास। सूत्कया (वि०) उत्सुकता। (सुद० ९८) सूत्थ (वि०) उत्थित। (जयो० ९/२७) सूत्थान (वि०) ० उत्पत्तिशाली। (जयो० १/१९) ० समुद्गान। (जयो०६/३६) सूत्परम् (नपुं०) [सु+उद्+पृ+अप्] मदिरा खींचना। सूत्या (स्त्री०) [सू+क्यपटाप्] सोमरस निकालना। सूत्र (सक०) बांधना, कसना, नत्थी करना। ० सूत्र रूप करना, संक्षेप करना। ० योजना बनाना, क्रमबद्ध करना। सूत्रम् (नपुं०) [सूत्र+अच्] धागा, डोरी, रेखा, रस्सी. तार। (सुद० ३/१३) ० रज्जू। (जयो० १२/१३) ० संक्षिप्त विधि, संक्षिप्त वाक्य रचना। ० सूचक। (जयो० ६/१२५) सूचना (जयो० १२/५८) ० प्ररूपणा, निरूपण, कथन। ० मांगलिक सूत्र। (जयो० ३/३६) सूत्रकण्ठः (पुं०) खंजन पक्षी। सूत्रकर्मन् (नपुं०) बढ़ई का काम। | सूत्रकल्पित (वि०) सूत्र ग्रंथों का अध्ययन। सूत्रकृताङ्गम् (नपुं०) बारह अंग ग्रंथों में द्वितीय सूत्र-सूत्रकृत, सूयगड, जिसमें ज्ञानविनय, प्रज्ञापना, कल्प्य-अकल्प्य, छेद उपस्थापना आदि का विवेचन हो। यह लोक, अलोक, परसमय एवं स्वसमय आदि की सूचना देने वाला दार्शनिक ग्रंथ है। सूत्रकार (वि०) सूत्र रचने वाला। सूत्रकृत् (वि०) सूत्रकार, सूत्र रचने वाला। सूत्रकोण: (पुं०) डमरु, डुगडुगी। सूत्रगण्डिका (स्त्री०) धागा लपेटने की चरखी। सूत्रग्राहणविनयम् (नपुं०) विनयपूर्वक सूत्र का ग्रहण कराया जाना। सूत्रणम् (नपुं०) क्रमबद्ध करना। सूत्रणक्रिया (स्त्री०) सीमाकरण, रेखांकन। समपूरि तु सूत्रणक्रिया नयने वर्धयितुं वयः श्रिया। (जयो० १०/३६) सूत्रदरिद्र (वि०) झीण वस्त्र वाला। ० फटे वस्त्र वाला। सूत्रधरः (पुं०) रंगमंच प्रबन्धक। ० महेन्द्र दत्त नाम। (जयो०५/६०) सूत्रधरः (पुं०) ० रंगमंच प्रबन्धक। सूत्रप्राभृतम् (नपुं०) आचार्य कुन्द कुन्द का एक सूत्र ग्रंथ। सूत्रपिटकः (०) बुद्धवचन का सारभूत सूत्रग्रन्था सूत्रपुष्पः (पुं०) कपास पादप। सूत्रप्रचालनं (नपुं०) राज्य तंत्र परिचालन। (जयो० १८४८२) सूत्रप्रयोगः (पुं०) संक्षिप्त प्रयोग। (जयोवृ० १/३१) सूत्रभिद् (पुं०) दर्जी। सूत्रभृत् (पुं०) सूत्रकार। सूत्रयन्त्रम् (नपुं०) ढरकी, खड्डी, धागा यंत्र। सूत्ररुचिः (स्त्री०) अंग सूत्रों के प्रति रुचि, सूत्र ग्रन्थों के प्रति श्रद्धा। सूत्रण (वि०) स्वीकार करने योग्य। (सुद० ३/२५) सूत्रला (स्त्री०) [सूत्र ला+क+टाप्] तकली। सूत्रवेष्टनम् (नपुं०) जुलाहे की ढरकी। सूत्रसमम् (नपुं०) श्रुतकेवली का श्रुतज्ञान। जिन वचन से निर्गत बीजपद। सुत्तं सुदकेवली, तेण समं सुदणाणं सुत्तसमं (धव० १४/८) For Private and Personal Use Only

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