Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

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Page 438
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra विशिष्ट शब्द पिण्डी- शरीर | पितृकल्प-पिता के तुल्य । पुद्धव- बड़ा बैल। पुत्री- पुत्रयुक्त । पुरोगम-प्रधानपुरुष । पुलिन्द - म्लेच्छों की एक जाति । पुष्कर- वाद्य विशेष । ०एक सरोवर, ० एक द्वीप । पुष्कर - हाथी की सूंड का अग्रभाग । ० क्षेत्र विशेष | पुष्करार्ध कमल रूप पूजा की सामग्री । पुष्करिणी-कमलों से युक्त वापिका । पुष्पधन्वा कामदेव | प्रजा पुत्र। प्रणाम्या- असंमत-अप्रिय स्त्री । प्रतायिनी - विस्तारिणी । प्रतायिनी विस्तृत | प्रतिक्रमण लगे हुए दोषों का प्रायश्चित्त लेना। प्रतिच्छन्द- प्रतिनिधि | प्रतिपत्तृ-शिष्य श्रोता। पुष्पवन्ती-सूर्य-चन्द्रमा पूषन्- सूर्य । पृथ्वी- विशाल पोगण्ड - विकलांग | पौलोमी इन्द्राणी। प्रकाण्डक- यष्टि नामक हार का एक भेद प्रकाण्डकयष्टि-जिस के बीच में क्रम कम से बढ़ते हुए पांच मोती हों ऐसी एक लड़वाली माला । प्रकृति-प्रजा । - प्रतियातना -- प्रतिबिम्ब । प्रतिशिष्टि प्रतिनिधि-तत्सदृश । प्रतीक्ष्य-पूज्य । प्रतीन्द्र-इन्द्र से नीचे का पद धारण करने वाला। www.kobatirth.org प्रत्यय - ज्ञान । प्रमित्सु नापने के इच्छुक । प्रवीचार - मैथुन । प्रवीचार - मैथुन । प्रव्रज्या - दीक्षा | अभिनिष्क्रमण। प्रसत्ति प्रसन्नता। १२९१ प्रसेन- गर्भस्थ बालक के ऊपर का आवरण- जेर। प्रस्तर- छन्द शास्त्र का एक प्रकरण-प्रत्यय। - प्रस्नुवाना दूध देती हुई। प्राज्या- श्रेष्ठा । बृहद् संस्कृत-हिन्दी शब्द कोश प्राबोधिक- जगाने के कार्य में नियुक्त। प्रालम्ब-हार विशेष । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रालेयांशु - चन्द्र प्रावृषेण्य - वर्षा काल का । प्रांशु ऊंचा प्रीतिंकर- प्रीति उत्पन्न करने वाला । फ फलकहार-अर्धमाणव हार के बीच में यदिसय मणि लगा हो तो उसे फलकहार कहते हैं। ब बठर-स्थूल बद्धजीव - अष्ट कर्म से युक्त संसारी जीव । बन्ध आत्मा और कर्मों का नीर क्षीर के समान एक क्षेत्रावगाह होना। बलाहकाकार-मेघ के आकार । बहुरूपक-अनेक भूमिकाओं से युक्त । बहुश्रेयान् अत्यंत कल्याण से युक्त ब्रह्मोद्या - ब्रह्म - सर्वज्ञ के द्वारा कही हुई । बीभत्सु - घृणित | बुघ्न - मूल। बुभुत्सा - जानने की इच्छा। बुभुत्सु - जानने का इच्छुक । बोधि-रत्नत्रय ब्रघ्न- सूर्य । ब्रध्न - सूर्य । ब्रह्मसूत्र - जनेऊ । For Private and Personal Use Only भ भगण-नक्षत्रों का समूह । भव-कायर योद्धा भरतात्मज - भरत चक्रवर्ती का प्रथम पुत्र अर्ककीर्ति । भागवत भगवान् सम्बन्धी । भागीरथी गंगा नदी। भामह - काव्य-कला प्रतिपादक ।

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