Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

Previous | Next

Page 409
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बृहद् संस्कृत-हिन्दी शब्द कोश १२६२ भौगोलिक शब्द महाकच्छ-पूर्व विदेह का एक देश। महाकूट-एक नगर। महाज्वाल-एक नगर। महापूतजिनालय-एक मन्दिर का नाम। महाराष्ट्र-एक प्रदेश। महेन्द्रपुर-एक नगर। माधवी- सातवीं पृथिवी। मानुषोत्तर पर्वत-पुष्कर वर द्वीप के मध्य में स्थित चूड़ी के आकार का एक पर्वत। मालव-एक देश। माहेन्द्र-चौथा स्वर्ग। मुक्ताहार-एक नगर। मेघकूट-एक नगर। वसुमत्क-एक नगरी। वालुका प्रभा-तीसरी पृथिवी। वाह्रीक-एक देशा विचित्रकूट-एक कूट। विजयपुर-एक नगरी। विजयपुर-एक नगर। विजया-एक नगर। विजयार्द्ध-विजयार्द्ध पर्वत, इनकी अढाई द्वीप में १७० संख्या य यवन-एक देश (यूनान)। रुचक-रुचकवर द्वीप में स्थित एक पर्वत। रतिकूट-एक नगर। रलपुर-एक नगर। रत्नप्रभा-पहली पृथवी (पहला नरक) रत्नसञ्चय-विदेह क्षेत्र मङ्गलावती देश का एक नगर। रत्नाकार-एक नगर। रथनूपुरचक्रवाल-एक नगर। रम्यक-एक देश। रुषित-दूसरे स्वर्ग का एक विमान। रौप्याद्रि-विजया पर्वत। विदर्भ-बरार। विदेह-मिथिला का पार्श्ववर्ती एक देश। विदेह-जम्बूद्वीप का एक क्षेत्र। विद्युत्प्रभ-एक नगरी। विनीता-अयोध्या। उत्तर भारत का एक नगर। विनेयचरी-एक नगर। विपुलाद्रि-राजगृही का प्रथम पर्वत। विमान-देवों का निवास स्थान। विमुखी-एक नगर। विमोच-एक नगर। विरजस्का-एक नगर। विशोका-एक नगर। वीतशोका-एक नगर। वैजयन्ती-एक नगर। वैतरणी-नरक की नदी। वैश्रवणकूट-एक नगर। वंशा-दूसरा नगर नरक-शर्कराप्रभा। वंशाल-एक नगरीी। श लोहार्गल-एक नगर। शक-एक देश। शकटमुखी-एक नगर। वज्रपुर-एक नगर। शत्रुञ्जय-एक नगर। वज्राढ्य-एक नगर। शर्कराप्रभा-एक नगरी। वज्रर्गल-एक नगर। शशिप्रभा-एक नगरीी। वत्स-एक देश। शाल्मलि-विदेह क्षेत्र का एक प्रसिद्ध वृक्ष। वत्सकावती-पुष्कारार्ध के पश्चिम भागस्थ पूर्व विदेह का | शिला-तीसरी पृथिवी, इसका दूसरा रूढ़ि नाम मेघा भी है। एक देश। शिवङ्कर-एक नगर। वनवास-दक्षिण भारत का एक देश। शिवमन्दिर-एक नगर। वसुमती-एक नगर। शुक्रपुर-एक नगर। For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445