Book Title: Bhikshu Mahakavyam Part 02
Author(s): Nathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 7
________________ चार व्यस्त हैं । फिर भी इस काव्य के मूलपाठ के प्रति यदा-कदा उभरी मेरी जिज्ञासाओं को वे सप्रमाण समाहित करते रहे हैं । वे व्याकरण के विभिन्न प्रयोगों के ज्ञाता हैं। मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं और उनकी अति व्यस्तता के प्रति अहोभाव रखता हुआ कार्य की शीघ्र संपन्नता की कामना करता हूं । शेष शुभम् । ३० जनवरी १९९८ मुनि दुलहराज

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