Book Title: Bhagavana Mahavira aur unka Tattvadarshan Author(s): Deshbhushan Aacharya Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 8
________________ कहाँ क्या है av मंगलाचरण प्रथम अध्याय जैनधर्म का सामान्य स्वरूप-जैनधर्म-द्रव्य-पद्रव्य-जीवद्रव्य-जीव' का लक्षण और उसके भेद-कर्म और उसके भेद-मुक्त जीव-अजीवद्रव्य-पुद्गल-धर्म द्रव्य-अधर्म द्रव्य-प्राकाश द्रव्य - लोकाकाश-अलोकाकाश-कालद्रव्य-सप्ल तत्त्व-अष्ट कर्म-पाक्षिक श्रावक-प्रष्टमूल गुण -सप्त ध्यसनदर्शन प्रतिमा-व्रत प्रतिमा-सामायिक प्रतिमा-सामायिक करने की विधि-प्रोषध प्रतिमा-सचित्त त्याग प्रतिमा-रात्रि भोजन त्याग-ब्रह्मचर्य प्रतिमा-चौबाद-प्रारम्भ त्याग-परिग्रह त्याग–अनुमति त्याग -उद्दिष्ट त्याग-बारह भावना--सोलह कारण भावना-२२ परिषह-बारह प्रकार का तप-गुणस्थान वितीय अध्याय ३६-१८२ जैनाभिमत भूगोल परिचय-वैदिक धर्माभिमत भूगोल-बौद्धाभिमत भूगोल-आधुनिक विश्व परिचयउपरोक्त मान्यताओं की तुलना-जैन भूगोल का कुछ समन्वय-चातुर्दायिक भूगोल परिचय-लोक का लक्षण---गाका हागार-शोर का निस्तार--लोक का वर्णन हरिवंश पुराण के प्राधार पर बातवलयों का परिचय-वातवलय सामान्य परिचय-तीन वालवलयों का अवस्थान क्रम---पृथ्वियों के साथ वातवलयों का स्पर्श-वासबलयों का विस्तार-लोक विभाग निर्देश-- अस व स्थावरलोक निर्देश-अधोलोक सामान्य परिचय-भावन लोक निर्देश-व्यन्तर लोक निदेश-मध्यलोक निर्देश-द्वीप सागर ग्रादि निर्देश -तिर्यग्लोक मनुष्य लोक प्रादि विभाग-ज्योतिष लोक सामान्य निर्देश-ऊबलोक सामान्य परिचयजम्बद्वीप निर्देश-जम्बूद्वीप सामान्य निर्देश- जम्बद्वीप में क्षेत्र पर्वत नदी आदि का प्रमाण-पर्वतों का प्रमाण-नदियों का प्रमाण-द्रह कुण्ड प्रादि-क्षेत्र निर्देश-सुमेरु पर्वत निर्देश सामान्य निर्देश-मेरुका आकार-मेरु की परिधियाँ-बनखण्ड निर्देश-पाण्डक शिला निर्देश- अन्य पर्वतों का निर्देश-द्रह निर्देशकुण्ड निर्देश-जम्ब ब शाल्मली वृक्षस्थल-विदेह के ३२ क्षेत्र-लवण सागर निर्देश-धातको खण्ड निर्देश -कालोद समुद्र निर्देश-पुष्कर द्वीप-नन्दीश्वर द्वीप-कुण्डलवर द्वीप-रुचकवर द्वीप-स्वयंभूरमण समुद्र -क्षेत्र सम्बन्धी प्रमाण-जम्ब द्वीप के पर्वतों के नाम-नाभिगिरि तथा उनके रक्षक देव-विदेह वक्षारों के नाम-गजदन्तों के नाम-यमक पर्वतों के नाम-दिग्गजेन्द्रों के नाम-भरत विजयाई-ऐरावत विजया -विदेह के ३२ विजयाचं-हिमवान्-महा हिमवान्-निषध पर्वत-नील पर्वत-रुक्मि पर्वत-शिखरी पर्वत-विदेह के १६ वक्षार-सौमनस गजदन्त-विधुत्प्रभ गजदन्त-गन्धमादन--माल्यवान् गजदन्तसुमेरु पर्वत के वनों में कटों के नाम व देव-जम्बू द्वीप के द्रहों व वापियों के नाम-महाहृदों के कटों के नाम -जम्बू द्वीप की नदियों के नाम-विदेह क्षेत्र की १२ विभाग नदियों के नाम- लवण सागर के पर्वत पाताल व तन्निवासी देवों के नाम-मानुषोत्तर पर्वत के कूटों व देवों के नाम-नन्दीश्वर द्वीप की वापियो व उनके देव-कुण्डलवर पर्वत के कूटों व देवों के नाम- रूचकवर पर्वत के कूटों व देशों के नाम-दृष्टि संख्या २ की अपेक्षा-पर्वतों प्रादि के वर्ण-द्वीप क्षेत्र पर्वत प्रादि का विस्तार-सागर-पाताल-पर्वत व द्वीप-जम्बूद्वीप के क्षेत्र-धातकी खण्ड के क्षेत्र-पुष्कार के क्षेत्र-जम्बूद्वीप के पर्वतों व कटों का विस्तार -गोल पर्वत-पर्वतीय व अन्य कुट-नदी कुण्ड द्वीप व पाण्डकशिला मादि-अढ़ाई द्वीप की सर्व वेदियाँ -शेष द्वीपों के पर्वतों व कटों का विस्तार-धातकी खण्ड के पर्वत-पुष्कर द्वीप के पर्वत व कट-नन्दीश्वरPage Navigation
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