Book Title: Asrava Tribhangi
Author(s): Shrutmuni, Vinod Jain, Anil Jain
Publisher: Gangwal Dharmik Trust Raipur

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Page 38
________________ आस्रव अभाव गुणस्थान आस्रव व्युच्छित्ति आस्रव 9.अनिवृत्ति-1 [गुणस्थानवत्] | 12 [गुणस्थानवत्] करण 43 [गुणस्थानवत् 45 - | वैक्रियिक, वैक्रियिकमिश्र काययोग] भाग 5 ७.अनिवृत्ति- 1 गुणस्थानक्त] 11 [गुणस्थानवत्] करण भाग 6 44 गुणस्थानक्त्46वैक्रियिक, वैक्रियिकमिश्र काययोग] 45 [गुणस्थानवत् 47 - वैक्रियिक, वैक्रियिकमिश्र काययोग] 10. सूक्ष्य |1 [गुणस्थानवत्] |10 [गुणस्थानवत्] साम्पराय संयत 11.उपशंत ० गुणस्थानक्त मोह 45 [गुणस्थानवत्48वैक्रियिक, वैक्रियिकमिश्र काययोग] 12. क्षीण |4 [गुणस्थानवत] [गुणस्थानवत्] मोह 46 [गुणस्थानवत् 48 - वैक्रियिक, वैक्रियिकमिश्र काययोग] | 13. सयोग |7 [गुणस्थानवत्] केवली 7 [गुणस्थानवत्] | 48 [गुणस्थानवत् 50वैक्रियिक, वैक्रियिकमिश्र काययोग 14. अयोग केवली 55 [गुणस्थानवत् 57 - वैक्रियिक, वैक्रियिकमिश्र काययोग [29] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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