Book Title: Asrava Tribhangi
Author(s): Shrutmuni, Vinod Jain, Anil Jain
Publisher: Gangwal Dharmik Trust Raipur

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Page 69
________________ आस्रव अभाव गुणस्थान | आस्रव व्युच्छित्ति आस्रव 8.अपूर्वकरण | 6 [गुणस्थानक्त्] 20 उपर्युक्त] 9.अनिवृत्तिकरणभागी 6 [हास्य आदि नोकषाय | 14 उपयुत्त 20- हास्य आदि6 नोकषाय] 9.अनिवृत्तिकरणभाग2 | 14[उपर्युत 6 [उपर्युक्त |14[उपर्युक्त 6 [उपयुक्त 9.अनिवृत्ति- 11वेद करणभाग3 9.अनिवृत्ति- | 1 [संज्वलन क्रोध] |13 [गुणस्थानक्त] करणभाग 7 [उपर्युक्त 6+ पुवेद 9.अनिवृत्त- | 1[संज्वलनमान करणभF5 |12[गुणस्थानवत] 8 [उपर्युक्त 7 + संज्वलन क्रोध] 9.अनिवृत्ति- | 1[संज्वलन माया] |11 गुणस्थानक्त] करणभाग 9[उपर्युक्त 8 + संज्वलन मान) | सिंज्वलनलोभ] |10[गुणस्थानक्] | 10.सूक्ष्य साम्पत्य संयंत 10[उपयुक्त + संज्वलन माया 11.उपशंत 19[गुणस्थानक्त 11[उपर्युत 10+संज्वलन लोभ मह 12. क्षीणमोह | 4 गुणस्थानवत] [गुणस्थानक्त] 11 [उपयुक्त [60] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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