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सन्दर्भ -
1. भारतीय कला (शैशुनाग नन्द युग की कला), पृष्ठ 89.
2. वही, पृष्ठ 89
3. शीतल प्रसाद, प्राचीन जैन स्मारक, पृ. 11, कलकत्ता, 1923,
4. गुरु गोपालदास बरैया स्मृति ग्रन्थ, पृष्ठ 526, अखिल भा. दि. जैन विद्वत् परिषद, 1967.
5. शीतल प्रसाद, प्राचीन जैन स्मारक, कलकत्ता, 1923.
6. भारतीय कला (शौशुनाग नंद युग की कला), पृ. 89.
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7. इण्डिन हिस्टोरिकल क्वार्टरली, XXII, पृ. 205.
8. डॉ. मारुतिनन्दन तिवारी, जैन प्रतिमा विज्ञान, चित्र संख्या 25.
9. इण्डियन क्वार्टरली, वाल्यूम 25 वाँ पृष्ठ 2051 पं. भागचन्द 'भागेन्दु', भारतीय संस्कृति में जैन तीर्थों का योगदान, पृष्ठ 19 अलीगंज, 1961,
संशोधित रूप में प्राप्त 25.9.2000
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अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000