Book Title: Arhat Vachan 2000 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 97
________________ जरूरतमन्दों के लिये टाइम्स फाउण्डेशन टाइम्स फाउण्डेशन की स्थापना आध्यात्मिक, नैतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के काम में लगे गैर सरकारी संगठनों को मदद देने के लिये की गई है। फाउण्डेशन का विश्वास है कि किसी भी मजबूत और लोकतांत्रिक समाज के लिये ऐसा बहुमुखी विकास एक जरूरी आधार होता है। फाउण्डेशन इन गैर सरकारी संगठनों को अन्य सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों से धन उपलब्ध कराने में मददगार के रूप में कार्य करेगा। फाउण्डेशन की कोशिश गैर सरकारी संगठनों के जरिये उन क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने की है जो आज तक उपेक्षा का शिकार रहे । ___ फाउण्डेशन का विश्वास है कि प्रगति के लिये आध्यात्मिक विकास का होना जरूरी है। आज हम तनाव से भरी जिस दुनिया में रह रहे हैं, उसमें आध्यात्मिक समझ ही हममें अपनी नैतिक विरासत के प्रति निष्ठा पैदा कर सकती है। स्कूल, मीडिया और सूचना तकनीक के नये साधनों के जरिये आध्यात्मिकता को आदमी और समाज के जीवन का जरूरी हिस्सा बनाया जा सकता है। फाउण्डेशन अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पारंपरिक कला-कौशल को प्रोत्साहित करने और सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने की कोशिश करेगा। फाउण्डेशन सरकारों, गैर सरकारी संस्थाओं और व्यक्तियों से दान लेगा। विशेषज्ञों की एक समिति उपयुक्त संगठनों और संस्थाओं का चुनाव करेगी जिन्हें यह धन सहायता राशि या कर्ज के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा। इन परियोजनाओं पर काम किस तरह हो रहा है, इस पर फाउण्डेशन के अधिकारियों की नजर रहेगी। श्री प्रदीपकुमारसिंह कासलीवाल महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित दिगम्बर जैन समाज की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था दिगम्बर जैन महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव प्रसिद्ध दिगम्बर जैन तीर्थ श्रीमहावीरजी पर दिनांक 24 सितम्बर को सम्पन्न हुए। इस प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में महासमिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रदीपकुमारसिंह कासलीवाल (इन्दौर) को 366 तथा महासमिति के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राजेन्द्रकुमार ठोलिया (जयपुर) को 210 मत प्राप्त हुए। ज्ञातव्य है कि इस निर्वाचन में मात्र 863 मतदाता थे, जिनमें से 604 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। महिला मध्यांचल एवं विदेशी सदस्यों के प्रतिनिधियों द्वारा डाले गये 26 मत सम्मिलित नहीं किये जाने के बावजूद 156 मतों के भारी बहुमत से श्री प्रदीपजी की जीत यह दर्शाती है कि उन्हें सभी वर्गों एवं अंचलों का स्नेह एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। 2 मत निरस्त कर दिये गये। इस प्रकार श्री प्रदीपजी कासलीवाल भारी बहुमत से 2 वर्ष हेतु पुन: राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। दिनांक 5.11.2000 को इन्दौर में सम्पन्न महासमिति कार्यकारिणी की बैठक में महामंत्री के पद पर श्री माणिकचन्द जैन पाटनी (इन्दौर) तथा कोषाध्यक्ष के पद पर श्री कांतिचन्द्र जैन बड़जात्या (दिल्ली) का सर्वानुमति से चयन किया गया। कार्यकारिणी की ही बैठक में अध्यक्ष महोदय ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर श्री एम.के. जैन (दिल्ली) को अतिरिक्त महामंत्री एवं अर्हत् वचन के सम्पादक डॉ. अनुपम जैन को महासमिति पत्रिका का प्रधान सम्पादक मनोनीत किया। महासमिति की नवनिर्वाचित टीम को कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परिवार की बधाई। डॉ. जयकिशन प्रसाद खण्डेलवाल को आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी सम्मान डॉ. जयकिशन प्रसाद खण्डेलवाल, निदेशक - वृन्दावन शोध संस्थान, मथुरा को उत्तरप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के रायबरेली (उ.प्र.) में सम्पन्न वार्षिक अधिवेशन (30.9.2000) के अवसर पर आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान आलोचना साहित्य में विशिष्ट योगदान हेतु दिया गया। ज्ञानपीठ परिवार की ओर से बधाई। अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000 95

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