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प्रद्धांजलि एक चिराग जो सहसा बुझ गया! श्री नवीन जैन सेठी का आकस्मिक निधन
श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन (धर्म/तीर्थ संरक्षिणी) महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निर्मलकुमार जैन सेठी के ३६ वर्षीय प्रिय ज्येष्ठ युवा सुपुत्र श्री नवीन जैन सेठी का १० नवम्बर २००० को सीतापुर के निकट शाहजहाँपुर से सीतापुर आते समय हृदयविदारक सड़क दुर्घटना में प्रातः ८ बजे दुःखद निधन हो गया। श्री नवीन जैन किसी आवश्यक कार्य से एक दिन पूर्व दिल्ली गये थे। दिल्ली से सीतापुर आने हेतु वे शाहजहाँपुर उतरकर एक टैक्सी से सीतापुर जा रहे थे कि थाना रामकोट क्षेत्र में गाँव नेरी के पास खड़ी ट्रक में यह टैक्सी पीछे से जा भिड़ी जिससे टैक्सी में सवार
श्री नवीन जैन सहित चार लोगों की मृत्यु हो गई। आप अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र सहित अन्य संबंधियों का भरापूरा परिवार छोड़ गये हैं।
स्व. श्री नवीन सेठी का जन्म ७ नवम्बर १९६४ को तिनसुकिया (आसाम) में भारत विख्यात स्वनामधन्य स्व. श्री हरकचन्दजी सेठी के यशस्वी सुपुत्र श्रावकरत्न श्री निर्मलकुमारजी सेठी के यहाँ हुआ था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सिल्चर में सम्पन्न हुई। सन् १९७२ में आठ वर्ष की उम्र में वे सीतापुर आ गये थे। यहाँ के राजकीय इन्टर कालेज में उन्होंने कक्षा १२ तक शिक्षा प्राप्त की। सन् १९८३ में क्रिश्चियन कालेज, लखनऊ से उन्होंने बी.कॉम. की उपाधि प्राप्त की तथा १ वर्ष तक मैसूर में रहकर उन्होंने CFTRI में फ्लोर मिल तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
आपका विवाह आगरा के सुप्रसिद्ध व्यवसायी एवं समाजसेवी श्री निरंजनलालजी बैनाड़ा के अनुज श्री पन्नालालजी बैनाड़ा की सुपुत्री अनु जैन के साथ हुआ था। आपके दो सुपुत्र मेधिर (१० वर्ष) एवं अविचल (६ वर्ष) हैं। आप अपने फ्लोर मिल्स इत्यादि के व्यवसाय का कुशलतापूर्वक संचालन कर रहे थे। धार्मिक, सामाजिक गतिविधियों में भी आप परोक्ष रूप से पूर्ण सहयोग प्रदान करते थे।
कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परिवार श्री वीरप्रभु से दिवंगत आत्मा की शांति व सद्गति की कामना करता हुआ शोक संतप्त परिवार के प्रति हार्दिक शोक संवेदना प्रकट करता है।
वयोवृद्ध ब्रह्मचारी श्री रूपचन्दजी गंगवाल का निधन
इन्दौर। श्री दिगम्बर जैन उदासीन आश्रम, तुकोंगज- इन्दौर के वयोवृद्ध ब्रह्मचारी श्री रूपचन्दजी जैन गंगवाल का दिनांक २६ अगस्त २००० को निधन हो गया। वे ८० वर्ष के थे। आचार्य श्री शांतिसागरजी महाराज ने उन्हें अंतिम धर्मोपदेश दिया। संस्थाध्यक्ष श्री देवकुमारसिंहजी कासलीवाल ने उनके निधन पर शोक प्रगट किया।
आश्रम से निकली शवयात्रा में अनेक धर्मालुजन सम्मिलित हुए। जूनी इन्दौर स्थित मुक्तिधाम पर अन्त्येष्टि के पश्चात सम्पन्न शोक सभा में सर्वश्री पं. रतनलालजी शास्त्री, ब्र. अनिलजी, ब्र. लखमीचन्दजी, ब्र. सुनीलजी, ब्र. हुकमचन्दजी, डॉ. के. एल. जैन, डॉ. महेन्द्रकुमार जैन, श्री सूर्यपाल जैन, श्री नरेन्द्र जैन व श्री जयसेन जैन आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
जयसेन जैन
अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000
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