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अर्हत् वचन कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर)
वर्ष - 12, अंक - 4, अक्टूबर 2000, 67 - 74 जैनागम, आधनिक विज्ञान एवं हमारे
दैनन्दिन जीवन में ध्यान
.पारसमल अग्रवाल*
विशेष स्तम्भ - आगम का प्रकाश : जीवन का विकास
अर्हत् वचन की लोकप्रियता एवं समसामयिक उपयोगिता में अभिवृद्धि एवं इसके पाठकों को जिनागम के गूढ़ रहस्यों से सहज परिचित कराने हेतु हम एक स्तम्भ 'आगम का प्रकाश - जीवन का विकास प्रारम्भ कर रहे हैं।
इस स्तम्भ के अन्तर्गत हम ऐसे लघु शोध आलेख या टिप्पणी प्रकाशित करेंगे जिनमें निम्नांकित विशेषताएँ हों - 1. जैनागम का कोई मूल उद्धरण अवश्य हो। 2. हमारे जीवन में सीधा उपयोगी हो। अर्हत् वचन के पाठक इस स्थल पर अपने जीवन के विकास / सुख / शांति
के लिये कुछ प्राप्त करने के उद्देश्य से इस अंक की उत्सुकता से प्रतीक्षा करें व उन्हें अवश्य
इससे कुछ शांति मिले। 3. जैन दर्शन के कोई कम प्रचारित या दबे हुए पक्ष की जीवन में महत्ता उद्घाटित होती हो। 4. नवीन वैज्ञानिक अनुसंधानों के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण हो।
उपर्युक्त 4 बिन्दुओं में प्रथम दो आवश्यक हैं व शेष 2 आवश्यक तो नहीं किन्तु हो जाये तो अच्छा है। वर्ष-12, अंक - 3, जुलाई 2000 में हम जैनागम में प्राणायाम एवं ध्यान - पारसमल अग्रवाल लेख प्रकाशित कर चुके हैं।
-सम्पादक
प्रस्तावना
मैडिटेशन या ध्यान द्वारा स्वास्थ्य - सुधार एवं स्वास्थ्य - रक्षा कुछ वर्षों में पश्चिम जगत में भारतीय व्यक्तियों के माध्यम से प्रारम्भ होकर प्रचलित हो रही है। इस विषय में कई प्रश्न पैदा होते हैं - ध्यान कैसे किया जाये? ध्यान क्या वास्तव में लाभदायक है? जैनाचार्यों का ध्यान के बारे में क्या मत है? एवं इसका आध्यात्मिक पक्ष क्या है? इस लेख में इन बिन्दओं पर संक्षिप्त चर्चा प्रारंभ करने के पूर्व यह जानना उचित होगा कि जैनाचार्यों का प्रमुख उद्देश्य आत्मिक लाभ रहा है व आधुनिक पाश्चात्य जगत का उद्देश्य स्वास्थ्य लाभ है। आत्मिक लाभ के साथ जो पुण्य बंध एवं पापों का क्षय होता है उसमें स्वास्थ्य लाभ हो जाना जैनाचार्यों ने भी वर्णित किया है (किन्तु उनके लिए यह गौण बात थी)।
इस लेख के प्रथम भाग में ध्यान का जैन शास्त्रों के अनुसार वर्णन करने के उपरान्त भाग 2 में यह बतायेंगे कि इस शास्त्रीय वर्णन के अनुसार एक सामान्य व्यक्ति के लिए सरल शब्दों में ध्यान का विवरण क्या है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा वर्णित ध्यान की विधि का विवरण भी इस भाग में किया है। भाग 3 में हम यह बतायेंगे कि आधुनिक वैज्ञानिक ध्यान के विषय में क्या कहते हैं।
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Chemical Physics Group, Department of Chemistry, Okalahoma State University, STILLWATER OK 74078U.S.A.