Book Title: Arhat Vachan 2000 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 73
________________ चाहिये। ध्यान करने हेतु कौनसा मंत्र या आसन या समय श्रेष्ठ है यह व्यक्ति स्वयं धीरे-धीरे अनुभव द्वारा सीख सकता है। आधुनिक विद्वानों का मत है कि व्यक्ति की रुचि एवं परिस्थिति के अनुसार मंत्र, आसन, समय आदि में बदलाव संभव है। अध्यात्म में भी कई मंत्रों की विविधता आचार्यों ने वर्णित की है। मन्दिर में प्रात:काल खाली पेट व उचित आसनपूर्वक माला फेरने की परम्परा जैन संस्कृति में है। पूजा के समय बीच-बीच में 9 बार णमोकार मंत्र के जाप (लगभग 2 मिनिट) की परम्परा भी सुविदित है। ये पदस्थ ध्यान के ही रूप हैं जो अति लाभदायक हैं आज के नये प्रयोग यह बताते हैं कि ये रूढि मात्र न होकर परम रसायन हैं। प्रश्न : मन भटकता है। मुख्य समस्या यह है कि मन की भटकन को कैसे रोका जाये? जैसे बड़े इन्टरव्यू या व्यापारिक निर्णय करते समय तत्काल बड़े लाभ की संभावना दिमाग में होने के कारण एक गृहस्थ उस समय उसकी अन्य समस्याएँ भूल जाता है, जैसे परीक्षा का पेपर देते समय एक विद्यार्थी इतना तल्लीन हो जाता है कि उसे कल का पेपर याद नहीं आता है, उसी प्रकार ध्यान से भौतिक लाभ पर पक्का विश्वास करते हुए पश्चिम में कई व्यक्ति ध्यान के समय मन की भटकन को कम करने में समर्थ हो जाते हैं। आध्यात्मिक विधि हेतु धर्मध्यान के विवरण में जो धार्मिक तथ्य बताये हैं उनका बारम्बार चितवन करके पदस्थ ध्यान करने के पहले मन को इतना पक्का कर लेना होता है कि आत्मा तो जीवन की समस्याओं से परे है। समस्याएँ एवं उपलब्धियाँ क्षणिक हैं %; किन्तु आत्मा ध्रुव है, आत्मा तो सच्चिदानन्दघन है। इनको मात्र समझना पर्याप्त नहीं है। इन तथ्यों पर पूर्ण विश्वास ध्यान के पूर्व ताजा करना होता है तभी आर्त व रौद्रध्यान से मन हटेगा व मन की चंचलता कम होगी। भाग 3 : ध्यान के भौतिक लाभ - आधुनिक विद्वानों की दृष्टि में सम्यग्दृष्टि के धर्म ध्यान से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है अपितु भौतिक लाभ भी होता है - ऐसा आचार्यों ने कई स्थलों पर वर्णित किया है। सामान्य गृहस्थों द्वारा ध्यान करने से लाभ के भी पश्चिम जगत में कई प्रयोग हए हैं। प्रिंसटन विश्वविद्यालय की एक वैज्ञानिक डॉ. पैट्रिशिया कैरिंगटन ने ध्यान मग्न अवस्था में कई व्यक्तियों पर कई प्रयोग किए। ध्यान अवस्था में ऑक्सीजन की खपत में कमी मापी जा चुकी है व मस्तिष्क तरंगों में परिवर्तन भी यंत्र द्वारा देख सकते हैं। ध्यानावस्था में मस्तिष्क अल्फा अवस्था में आ जाता है। उपकरणों द्वारा ध्यान मग्न अवस्था एवं सामान्य विश्राम अवस्था में अंतर देखा जा सकता है। डॉ. कैरिंगटन के कई निष्कर्ष उनके द्वारा लिखित पुस्तक 'फ्रीडम इन मेडिटेशन' में देखे जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि ध्यान से ब्लडप्रेशर सामान्य NORMAL होने लगता है, कोलेस्टराल ठीक होता है, तनाव कम होता है, हृदय रोगों की संभावना कम होती है, याददाश्त बढ़ती है, डिप्रेशन के रोगी को भी लाभ होता है इत्यादि। अमरीका के हारवर्ड मेडिकल स्कूल के वैज्ञानिक चिकित्सक डॉ. हर्बर्ट बेन्सन के प्रयोग एवं उनकी पुस्तकें (1) The Relaxation Response (2) Timeless Healing भी ध्यान के सन्दर्भ में विश्वविख्यात हैं। सैकड़ों व्यक्तियों पर ध्यान के प्रयोगों द्वारा उन्होंने ध्यान व प्रार्थना पूजा के लाभ प्रमाणित किए हैं। डॉ. आरनिश (अमरीका) ने उनकी पुस्तक 'रिवर्सिंग हार्ट डिजीज' में ध्यान का अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000 11

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