Book Title: Arhat Vachan 2000 10
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 41
________________ बैक्टीरिया आदि 'समबंटन' दर्शाते हैं (चित्र-8) जिसमें आहार वर्गणाऐं संजोती बेबी बाढ़ लेकर वयस्क होती है फिर कुछ देर रुककर विभाजित होकर पुन: दो बेबी बना लेती हैं। सूक्ष्मजीवों की बंटरक्रिया अ और ब O + आहार काणारे वेबी कोशिका अ पदकोशिका . अ वृद्विगत कोशिका में विभाजित न्यूक्लीयन अ ब २ स्वतंत्र देवी कोशिकाएँ अविभाजन प्रगति चित्र क्रमांक 8 इस प्रकार वही वयस्क मां होकर पुन: 2 बेबी में समा जाती है। इनके इस विभाजन काल को 'टाओ' कहा गया है जो अति सूक्ष्म भी हो सकता है और परिस्थितिजन्य लंबा भी (चित्र-9)। टायो कान जिहे जीवाणु प्रजनन में बाया पाया जा सकता है अठार और वातावरणा अनुष्कलिता घियती है. प्रतिपलता पाती है . यथा ही का जमना दी गमी तथा डंडों में चित्र क्रमांक 9 खमीर में यही प्रक्रिया अनेकों जीवांश द्वारा देखी जाती है (चित्र - 10) जबकि वायरस में अर्हत् वचन, अक्टूबर 2000

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