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तिवरिस ]
ing classed three times. क० गं० ४, ८८
तिवरिस. पुं० स्त्री० (त्रिवर्ष)
परसनी अप्रन्यावाला साधु, साध्वी तीन वर्ष की प्रव्रज्या वाले साधु, साध्वी. A male or female ascetic of three years standing. वत्र० ३, ३; परियाय. पुं० ( -पदर्याय - त्रिणि वर्षाणि पर्यायः प्रव्रज्यापर्यायो त्रिवर्षपर्ययः ) नेने हीक्षा सीधां त्र वर्ष थयां होय ते. वह जिसे दीक्षा लिये हुए तीन वर्ष हो चुके हों. one for whose |तिवाश्र पुं० ( त्रिपात- पतनं पातः त्रिभ्यो मनोवाक्कायेभ्यः पातस्त्रिपातः ) भन, वयन
initiation three years have elapsed. वव० ३, ३;
तिवलि. स्त्री० ( त्रिवलि) पेट पर ऋणु वाटी होयछे ते. पेटपर की त्रिवलि. The three wrinkles across the abdomen. जं० प० जीवा० ३, ३; तिवलि त्रि० ( त्रिवलिक ) ऋणु रेमा वालु तीन रेखा वाला. One having three wrinkles कप • ३, ३६; तिवलिया - श्री. स्त्री० (त्रिवलिका) होध करती વખતે કપાલ ઉપર ત્રણ વલી-લીંટી પડે તે. क्रोध करते समय कपाल पर पडने वाली तीन आडी रेखाएं. Three wrinkles formed on the forehead in an angry mood. (२) पेट उपर पड़ता ऋणु वाटा पेट पर पडती तीन रेखा. the 3 wrinkles across the abdomen. नाया० ६; १६; भग० ३, १; उवा०२, ६६; प्रोव ० विवा० ५; नाया० २; तिवली - स्त्री० (त्रिवली ) पेट उपास उपर थती ऋणु रेखा पेट अथवा कपाल पर पडने वाली ३ रेखाएं. The three wrinkles on the abdomen or forehead. पराह० १, ३ – विणीय. त्रि० (-विनीततिस्रो वलयो विनीत विशेषतः प्रपिता यत्र Vol. u/9
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[ तिवायणा
तत् त्रिवलीविनत्तिम् ) त्र वाटवाओ. तनि रेखावाला having three wrinkles. जीवा० ३, ४;
तिवस्सजा त्रि० ( त्रिवर्षजात ) लेने न મ્યાને અથવા પ્રવજ્યા લીધાને ત્રણ વર્ષ थया छे ते. जिसे जन्म लेने को अथवा प्रव्रज्याग्रहण किये को तीन वर्ष हुए हों. (One) for whose birth or initiation three years have elaps. ed. तंदु
( ६५ )
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या त्रनु पाडवु. मन वचन तथा काया इन तीनों का पतन. Discarding from the mind, speech and body. पिं० नि० भा० २६; तिवायण. न ० ( त्रिपातन = त्रयाणां देहायुरिन्द्रियरूपाणाम् मनोवाक्कायरूपाणां वा पातनं विनाशः त्रिपातनम् ) मन, वयन अयानो નાશ કરવે; ઇન્દ્રિય આયુષ્ય અને દેહ એ
जुनो नाश रखे। ते. मन वचन तथा काया का नाश करना; इन्द्रिय आयुष्य व देह इन तीनों के नाश का कार्य. Destruction of the mind, speech and body; to annihilate the sense, life and body. पिं० नि० ६७;
तिवायरणा. स्त्री० ( त्रिपातना - अतिपातनात्रिपातन ) भन वयन ने अया से त्र યોગ અથવા દેહ આયુષ્ય અને ઈંદ્રિય એ ત્રર્ષોથી કાઇ પણ જીવને પાડવે, ભ્રષ્ટ કરવા ते. मन वचन तथा काया इन तीन योगों *से अथवा देह, आयुष्य व इंद्रिय इन तीन के द्वारा किसी भी जीवको भ्रष्ट करना-पतित करना. Degrading of any being from the trio of the mind, speech and body or body, life
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