Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 3
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 544
________________ पर्ससर. ] ( ५४० ) पर्ससा सय० २, २, २०; निसी ० ३१-४२; पसंसंति. सू० १, ११, २०; पसंसंत. व. कृ. सूय० १, १, २, सु० च० २, ६४३, १५, २५० पसंस. पुं० ( प्रशंस) बोल. लोभ. Greed. Jain Education International ११, २३; सू० १, २, २, २६; पसंसगण न० ( प्रशंसन) प्रशंसा प्रशंसनः तारीफ - स्तुति करनेका कार्य. logy; praise. इस० ७, ५'५; पसंसणिज्ज. त्रि० ( प्रशंसनीय ) प्रशंसा २१ योग्य प्रशंसनीय; स्तुत्य Praiseworthy; laudable. a. मालु श्लाघा. पसंसा. स्त्री० ( प्रशंसा ) प्रशंसा; आधा. प्रशंसा; स्तुति बखान; Praise; eulogy. उन० १५, ५ पिं० नि० ११७; सु० च० १, ३७७ प्रव० ६४७: उबर ० १, ४४; पसंसि त्रि० ( प्रशंसित ) मा रेल स्तुति प्रशंसित कृतस्तुति. Praised; eulogised. उ० १४, ३८ आया ० १, २, ४, ८५: १, २, ५, ६३: सज्ज. धा० 1. (प्र+सृज् ) तत्पर रहे शासन धनुं तत्पर रहना; उद्यत रहना; आसतहोना. To be ready, prompt; to be attached to. पसज्जसि. उत्त० १८, ११, सु० च० ४, २८६: पसज्ज. सं० कृ० सू० २, ६, ३०९ पसढ. त्रि० ( प्रशठ ) श: अति सुग्यो शठ; दुष्ट; अत्यन्त लुम्बा A knave; a wicked fellow. सूय० २, ४, ३; (२) नेश्वरीथा भेजवेसुं शक्तिद्वारा निलायाहुया. Forcibly obtained. दस० ५ १, ७२; पसगण न० ( प्रसन्न ) भद्यविशेष मद्य विशेष. A soit of wine. विवा० २; १६: (२) सुंदर; स्वच्छ निर्माण सुन्दरः नाया ० रवी ते. Fu For Private [ पसरधार. स्वच्छ निर्मल. Beautiful; clear. प्रब० ३८ pure; पसत. त्रि० ( प्रसक्त) प्रसंगी प्राप्त मेसुं. प्रसंगवश प्राप्त. Come by chance; occurring at an opportunity. जं० प०५, ११५; विशे० १८ सू० १० २०; राय ० ६५; गच्छा० १०४; गच्छा० पसत्थ. त्रि० ( प्रशस्त ) श्रेष्ट अशंसा वा योग्य. ऋष्ट प्रशंसनीय स्तुतिपात्र. Excellent; praiseworthy. उत्त० २६, २८, ३२, १३; प्रणुजो० ६६, प्रोव० भग० १, ७-६; ३, १, ६, १, ६, ३१; ११, ११; २४, १; नाया ० १ ८ पिं० नि० ५६; विशे० ५०७ ; जीवा ० १ वेय० ६, १६; पत्र० १७; राय ० ५८ सम० २८; उवा ० ७, २०६ : भक्त० १८; ३१; ६८; कम्प० ३, ३५, ३६, ५६; जं. प० ७, १६६, २, २०; ३, ५७; (२) वक्ष प्रशंसा पास प्राप्तप्रशंसा; श्रत कीर्ति; प्रशंसित. Praised: eulogised. १२७; - कायमिणय. पुं० ( - कायविनय ) शरीरने स्वाधीन राम ते; डायाना प्रशस्त विनय शरीरको अपने आधीन रखना; कायाका प्रशस्त विनय Coutrolling the body. भग० २५, ७; - दियह. पुं० (-दिवस ) सारो दिवस. सारादिन; दिनभर The whole day. पंचा० ७, २०; दोहल पुं० ( दोहद ) गर्भिणीनो प्रशस्त मनोरथ. गर्मिणीका प्रशस्त मनोरथ; दोहद; अभिलाषा. An excellent desideratum. नाय।०८ - पुरिस. पुं० ( पुरुष ) प्रशस्त - अध्याति पास पुरुष. प्रख्यात व्यक्ति A1 eminent person. गच्छा० १२७; Personal Use Only पसत्थार. त्रि० ( प्रशस्त ) धर्म शास्त्र ભણ नार; या २२. धर्मशास्त्रका विद्यार्थी धर्म शास्त्रको पदनेवाला. One who studies www.jainelibrary.org

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