Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 3
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 558
________________ पाडिहर. ] ( ५५४ ) [ पाण. वत्र. ६, १; निसी० १, ३२; गय० २२६; | पाढव. वि० ( पार्थिव ) वा सम्म-था; ज्या० ७, १६; २२१; पत्र. ३६; खी ५२. पृवी विषयक. पृथ्वीपरका, पाडिहेर. पुं० न० ( प्रातिहार्य ) तीर्थ: । Earthly; mundane. उत्त० ३, १३; प्रभाव; तीर्थ५२ मी या हेयतामा पाढा. स्त्री. ( पाढा ) वनरपति विशेष. वनઅશોકક્ષ, પુષ્પષ્ટ વગેરે ચમત્કારિક ___ स्पति विशेष. A species of vegeta. पाय रे ते. तीकरका प्रभाव; तीर्धकरके | _tion. भग. २३, ३: पन० १; बठनेक स्थान पर देवताओं द्वारा अशोक पुष्पौंकी | पदि. त्रि० ( पाठिन् ) 46 ४२नार. पाठ करने वृष्टिरूप चमत्कारिक कार्य. The magestyof aral. A student; a reader. a Tirthankara: the miraculous ओघ० नि० ७४ shower of flowers on the seat पाढोग्रामासपय. न० (* पृथक्त्वमासपद ) of a Tirthankara, by the gods. સિદ્ધસેણિઓ અને માણુક્સસેણિઆ પરિग्रोव० नाया ८; भग० १२, ८; विशे० ३०४६; કર્મને ચોથો ભેદ અને પુટ્ટસેણિઆ આદિ भत्त० ६६; प्रव• ८; पाय परिर्मनी पाउस मे. सिद्ध मेणिमा पाडुशिया. स्त्री० (प्रातीतिका ) मानी १२तुना और मगणुस्स सणिया परिकर्मका चौथा भेद આશ્રય કરવાથી લાગતી ક્રિયા-કર્મ- मौर पुरसेणिमा आदि पांच परिकमका पहिला भेद. ५५ बहारकी वस्तुका अाश्रय ग्रहण करनेसे The 4th variety of Siddha लगनेवाली क्रिया-विरोष. A fault in- Senia and Maņņussa Seņiā curred through takiug the Parikarma and the lșt of 5 support of external thing; a Parikarmas (a division of karmic bond. ठा० २, १3 Scriptures) viz. Puttha Seņiā पाडेयव्व. वि० ( पातयितव्य ) ५७. गिराना. etc. नंदी० १६: Fel ing. नाया० ६; पाण. पुं० (प्राणिन ) प्राणी; 04; सस. पाढ. पुं० ( पाठ ) ५३; सन्यास. पाठ; ग्र- प्राणी; जीव; सत्त्व. A sentient be भ्यास; सबक. A lesson. सु० च० १२, ६; _ing; an animal. पाया० १, १, २, (२.) मे नाम से शि. देश विशेष. A १५, १, ६, २, १८४; १, ६, ४, १६२: country so named. भग० १५, १; भग १, १०: २, १; ३, ३, ६, ५, ७, 9; -अंतर. न. ( -अन्तर ) तर, १७, २, १८, ८:२५, २; नाया० १; अोव० मान्ने ५४. पाठान्तर; दूसरा पाठ. Another ३८; अणुजो० १४७, दस० ४, १; ५, १, reading. भग० १, १; । ३, ६, १०; २४, २५, उत्त० २, ११; स्य. पाढग. त्रि० ( पाठक ) २०ननी वंशावा १, १, १, ३; दपा० ६, २, ७, १; जीया. अना२. राजाकी वंशावलि कहनेवाला. A ३, १; पम० ३६; -अणुकंपा. स्त्री० bard; wlio recites the geneo (-अनुकम्पा ) अपनी या. जीवोंकी दया. logy of kings. कप्प० ५, ६; Compassion to beings. नाया. १; पाढय, पुं० ( पाठक ) यापना२. पढ़ानेवाला; २; भग० ७, ६:८, १; - कमण. ना पाठक A teacher. विवा० ७; भग० ११, ( -क्रमण ) प्राणीने यरवा-हवा त. ११: नाया० १; पण्ह० १, ३; कप० ४, ६५, प्राणीका दमन. Overhelming the Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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