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पज्जिश्रा ]
tions e.g. asceticism, laity etc. प्रव० ७६१: -- वायग. पुं० ( -वाचक ) समान अथवा शह समान अर्थवाला शब्द. 8 synonym विशे० ७७; - वोच्छे. पुं० ( - व्यवच्छंद ) अनुमे સાધુપણાના પર્યાયને વિચ્છેદ કરવા તે; પ્રાય चित्तनेो मे प्रा२. अनुक्रम से साधुता के पर्याय का विच्छेदः प्रायश्चित का एक प्रकार. a form of expiation; serially the striking out of the modifi cations of asceticism प्रत्र० ७६१; पज्जिना. स्त्री० ( प्रार्थिका ) भापती मानी भोटी भा. पिता या माता की दादी मा Grandmother of a father or
( ४०५ )
mother. इस०, १५;
पञ्जिजमास. त्रि• ( पात्रमान ) पीपराव |
वामां भाग
दिलाया जानेवाला That
which is given to drink. सुय० 1, 1, 1, 22:
पज्जुन. पुं० ( प्रचुम्न ) यु वासुदेवनी રૂમની રાોને પુત્ર; કે જે તેમનાથ પ્રભુ પાસે દીક્ષા લઈ બાર અંગને અભ્યાસ કરી સેળ વરસની પ્રવ્રજ્યા પાલી શત્રુંજય ઉપર એક માસના સથારા કરા પરમપદ પામ્યા. कृष्णवासुदेवकी रुक्मिणी रानी का पुत्र जिसने नोमनाथ प्रभु से दीक्षा लेकर बारह अंगों का अभ्यास किया और सोलह वर्षकी प्रव्रज्याका पालन कर, शत्रुंजय पर एक मास का संथारा कर के परमाद प्राप्त किया. The son of the queen Rikmiņi wife of Krisna Vasudeva. He was consecrated by the Lord Nemi Nātha, studied the 12 Angas, remained an ascetic for 16 years and attained salvation after selfstarvation for a month.
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[ पज्जुवासाज्ज
अंत ४, ६ नाया० ५; १६; पराह० १, ४; निर०५, १; ( २ ) अतंग सूत्रना थोथा वर्गना छडा अध्ययननुं नाम. अंतगड सूत्र के चौथे वर्ग के छठे अध्ययन का नाम name of the 6th chapter of the 4th class of Antagada Sūtra. अंत४, ६; ( ३ ) अघुम्न नामो मेत्र } એક વખત વરસે તે તેને એક હજાર વરસ सुधी त्रेयाले प्रद्युम्न नामक मेघ जिसके एक बार बरसने से एक सहस्र वर्ष पर्यंत उसकी धारा बहती रहता है. a cloud named Pradyumna which causes a current to flow for 1000 years if it rains once. ठlo
४, ४;
पज्जुवट्ठिय- अ. त्रि० ( पर्युपस्थित ) उद्यत थमेषः तैयार थमेव उद्यत; तत्परः तैयार बना हुआ. Ready prepared. उत्त•
३, ६१;
पज्जुवासरण न० ( पर्युपासन ) सेवा, भक्ति: सेवा: भक्ति; उपासना Service; devotion. पंचा० १०, ३४; पज्जुवासण्या, स्त्री० ( पर्युपासना ) सेवा लड़ित रवी ते सेवा भक्ति या उपासना कार्य. Service: devotion. भग० १४, ३; श्रोव ० २०; २७; पज्जुवासणा. स्त्री० ( पर्युपासना ) सेवा, ast सेवा भक्ति. Service: devo - tion. श्रव० २०; भग० २ ५; ६, ३३; दसा० १०, १; पंचा० १, ३७; पज्जुवा सज्जि. त्रि० (पर्युपासनांय) पर्युपासना सेवा लम्ति २वा योग्य पर्युपासनीयः सेवा भक्ति करने योग्य. Fit to be served or adored. श्रव० नाया ० २; १६; सू० प० १०;
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