Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 3
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

View full book text
Previous | Next

Page 476
________________ पय] ( ४७२ ) [पय १२, उत्त० ४, ७,२६, १३:०नि०७५ १८२, भग० ६, ३; नाया. २; निसी० ६, ८; सु० च० १,३१८; प्रव० ५८७, पंचा. १८, १०; कप्प० २, १४; (२) ५६विमति सखित नाम. पद-विभक्तियुक्त नाम. a substantive with termi. nations परह० २,२; ठा.१, १: श्राया. १, ५, ६, १७०; उत्त. १, २६; अणुजो. १६, ७३; १३१; १४९; विशे० १५८८; भग० १, ६; २, १; राय० ८७; (३) मांग; 4t२. प्रकार; भिन्नता; भाग. a variety. उत्त० २६, २८; (४) स्थान; सयमना स्थान स्थान; संयम के स्थानक. place; a division of self-res. traint. दस. १, ४, २३, नंदी० स्थ. ३२, पराह० १, ४; पन्न. १२; (५) ५६ सान; श्रुत सानना ये प्रा२. पद का ज्ञान;एक प्रकार का भ्रतज्ञान. the know. ledge of words; a variety of seriptural knowledge. क. गं. १; ७; (६) श्वो गानु थेय२९१. श्लोक-पद्य अयवा गाथा का एक चरण. a quarter of a verse or prose. भग. १, ; -अट्ठोत्तरसहस्स. न. ( -अष्टोत्तरसहस्र ) मे ॥२ अने आहे ५६. एक सहस्र और आठ पद. one thousand and eight words. प्रव. १८५;-अणुसारि. पुं० ( -अनुसारिन् ) પદાનુસાર લબ્ધિવાલે; સૂત્રનું એક પદ ભણવાથી પોતાની પ્રજ્ઞા વડે ઘણું સૂત્ર પદને १९५ ४२वानी सविणे। वात्मा. पदा. नुसार लब्धिवाला; वह जीवात्मा-मनुष्य जो सूत्र के एक पद को पढकर अपनी प्रज्ञा के योगसे बहुत से पदों को ग्रहण कर सके-समझ सके. ( one ) having knowledge according to words; the soul | which has the intelligence of understanding many words in a Sūtra after having mastered one word of a Sutra. प्रव. १५०८%, परह. २, १; विशे० ७६९; श्रोव०-चंक. मण. न. (-चंक्रमण ) पणे यासते. पैरसे चलने का कार्य; पैदल जाना. walk. ing on foot. भग० ११, ११;-पंकय. न० (-पङ्कज ) यर भल. चरण कमल. the lotus-feet. भत्त०३५. -पमाण. न० (-प्रमाण) पहनु प्रमाण. पद का प्रमाण. the measure of feet; authority of a word. प्रव० ७१८% --पास. पुं० (-पाश) ५ मांधवाने पाशी. पैर बांधने का फंदा-पाश. a trap to entangle feet. सूय० १,१, २, ८; -पीडिय. त्रि. (-पीडित ) पगथी अन्य पैरों द्वारा रोंधा हुआ. trodden by feet. नाया० १; - बद्ध. न०(-बद्ध) ७- 4 च्य. छन्दो बद्ध काव्य. metrical poem. जीवा० ३, ४; राय. १३१; -मग्ग. पुं० ( -मार्ग ) ५गते। २२-५।२रतो. पैदल रास्ता; पगडंडी. foot-path. नाया. १८; --वियार. पुं० (-विचार ) पणे यास ते. पैर से चलना; पैदल चलना-जाना-गमन करना. walking on foot. प्रव० ७८३; -संखा. स्त्री० (-संख्या) पहना संभ्या. पदों की संख्या. numeration of words. प्रव. ७१८ -समास. न. (-समास ) પદના સમુદાયનું એકથી વધારે પદોનું शान; श्रुत शानन मे प्रा२. पद समास अर्थात् पदों के समुदाय का ज्ञान; श्रुत ज्ञान का एक प्रकार. the know. ledge of a group of words. क. गं० १,७; -सुमरण. न. ( -स्मरण ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705