________________
पंच
[पंच
(an ascetic ) who shuts the five doors of the inflow of Karmic-matter. दस. १०, १, ५; -उंबार. स्त्री. (-उदुम्बरी) १७, पीपली, પીપલી, ઉબર તથા ટિંબડી એ પાંચ જાતના
साना सम. वट, पीपल, औदुम्बर प्रादि पांच प्रकार के फलों का समूह. a col. lection of five species of fruits via. banyan, Pipala, Udumbara ete. प्रव. २४४; -उत्तर. त्रि. ( -उत्तर ) ता उत्तर ५४मां पांच छ ते; पायरी अधि. पांच से अधिक पंचोत्तर; वह जिसके उत्तर पद मं पांच का अंक है. having five
more or at the end. जं. प. ४, ८०७, १३३; -ऊण. त्रि.( -उन ) पांच सौछा. पांच कम. less by five. भग० १,१:निसी.२०.४१:-गाससय न.(-ग्रामशत)पाय गाम. पांच सौ ग्रामगांव. 503 villages. विवा० १; -ग्गिताव.पुं० (-अमिताप) यारे १२५ अजिसने ७५२ सूर्पना ता५ ते पानित५. पंचामि ताप, जिसमें चारों ओर अमिताप और उपर से सूर्य का ताप रहता है. an austerity in which a penetant is surrounded by fire on four sides and the heat of the sun above. निर० ३, ३; भम० ११, १; अोव० -जम. पुं.( -यम) अहिंसा, सत्य, महत्ताहान, બ્રહ્મચર્ય અને અપરિગ્રહ એ પાંચ યમત્રત. अहिंसा, सत्य, अदत्तादान, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह रूप पांच यम. the 5 vows viz. non-injury, truth, charity, continence and not begging. नाया०५ -जाम. पुं० (-याम) पांययाम-महाक्त पांच याम-महाव्रत. five
Yama-great vows. भग. २५, ७, सम० २५; -खियम. पुं. ( -नियम ) શાચ, સન્તોષ, તપ, સ્વાધ્યાય, અને ઈશ્વર प्रणिधान पाय नियम. शौच, सन्तोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान रूप पंच नियम. the 5 rules viz. purity, contentment, austerity, reli. gious study and meditation on god. नामा०५:-तण. स्त्री-(-तन) GP, आदि पाय शरी२. उदारिक श्रादि पांच शरीर. five bodies viz, physical etc. क. ५०१,१५%-स्थिकाय. पुं. ( -मस्तिकाय) पांय अस्ताय द्रव्य; धर्माસ્તિકાય, અધર્માસ્તિકાય, આકાશાસ્તિકાય, પુકલાસ્તિકાય અને જીવાસ્તિકાય એ પાંચ
अस्ति ५. पांच मस्तिकाय द्रन्य; धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय, अाकाशास्तिकाय, पलास्तिकाय, और जतिास्तिकाय रूप पंचास्तिकाय.five embodied substances viz. Dharmāstikāya, Adharmastikāya, Akisastikāya, Pudgalāstikāya and Jivastikāya, etc. प्रव० ६१२; विशे. ४४६; भग• १८, ५ -दिव्य न. (-दिव्य ) सुधारा-सोना हारनी वृष्टि, પાંચવણું ફૂલની વૃષ્ટિ. વસ્ત્રની વૃષ્ટિ. આકાશમાં દેવ દુંદુભિ અને અહદાન મહાहनिमेवा पनि-मे पाय हिव्य. वसुधारासुवर्ण मुद्राओं की वृष्टि, पंचवर्णी फूलों की वर्षा, वस्त्रों की वर्षा, भाकाश में देव दुंदुभि और अहोदानं महादानं अर्थ की ध्वनि प्रादि पांच दिव्य. the five devine occur. rences viz. shower of goldcoins, shower of five coloured flowers, & rain of clothings, a sound of divine drums and
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org