________________
पंडियत्त]
( ३७६ )
[पंडुभद
"
१, ४, ५, २; बीरियलदिया. स्त्री. निधान, जिसमें धान्य आदि की उत्पत्ति ( -वीर्यसम्धिका ) ५ति पीयनी प्रालि. तथा मानोन्मान प्रभृति का समावेश होता है. पंडित वार्य की प्राप्ति. the attainment One of the 9 treasures of a of the prowess of learning. भग. Chakravarti which deals with ८,२;
the production of corns etc. पंडियत्त. न. (पंडितत्व ) ५५. पंडि. and weights. “गणियस्ससीयाणं
ताई। पांडिस्य, Learning, scholar- माणुम्माणस्स पमाच । धस्सयवीयायं liness. भग० १,१७, ८;
उप्पत्ती पंडुएभणिया ॥१॥" ठा• १,.; पंडियमाण. त्रि. ( पण्डितंमन्य-पात्मानं जं. प. प्रव. १२३२, पंडितमन्यते यः ) पति नलित | पंडुकंबलसिला. श्री. (पाण्डुकंबलाशिला ) घोताने प९ि४१ तरी मानना२. पंडित- મેરૂની ચૂલિકાની દક્ષિણે પાંગવનને દક્ષિણ म्मन्य; माडम्बरी पण्डित; झूठ मूठ पंडित છેડે અર્ધચંદ્રાકારે પાંચસે જનની લાંબી कहलानेवाला. (One ) who consi. અને અઢીસો જોજન પહેલી મેરૂ પર્વત ders himself a learned inan. ઉપરની એક શિલા કે જેના ઉપર ભરતના पोध नि० भा• २४;
તીર્થકરોને જન્માભિષેક કરવામાં આવે છે. पंडियमाथि त्रि. ( पण्डितमानिन् ) नुमे। मेरु पर्वत के ऊपर की एक शिला जिस पर
७५ रा. देखो ऊपर का शब्द. Vide. भरत के तीर्थकरों का जन्माभिषेक किया जाता
above. उत्त• ६.1; सूय.१, १, २, ५, है और जो मेरु की चूलिका के दक्षिण, पांडेया. मी. (पण्डिता) वि-ससी सी. पडंगवन के दक्षिण कोर पर अर्धचन्द्राकार विदुषी-शिक्षित महिला-बी. A learn- रूप में पांचसो योजन लम्बी और ढाई सौ ed fernale. (२) ५५था सब या नियत योजन चौडी है. A stone-slab on
येस (सामी) पाप से सर्वथा निवृत्त the mount Meru on which is Fricati, a nun; one totally free celebrated the birth-festival of from sin. नाया० ३; भग• ६, ३३; the Tirthankaras of Bharata विवा. २:
( a country ). It is in the पंहु. त्रि. (पाण्ड) : सई ५ गये. shape of a half moon and is
फीका; सफेद; पाण्डु Pale. ओव. पिं. 500 Yojanas high and 250 नि. ५१४, -मत्तिय . स्त्री. (-मृत्तिका) Yojanas broad ( 1 Yojana = 8
७ पानी अने, स३६ मिट्टी. भूरी miles ) lying to the south of मिट्टी; कहीं पाली और कहीं सफेद ऐसी मिट्टी.. the Chulikā (summit ) of the pale earth; yellowish earth. mount Meru and towards the पन. १;
southern extremity of the पंडप. पु. ( पाण्डक) यतीना न Padanga forest. ठा• २, ३; जं. ५० निधानमांनो मे
धान्य वगैरेनी | पंडभद्द. पुं० (पंडुभद्र ) सभूति वियना उत्पत्ति तथा भान जन्मान वगेरेना प्रवेश शिष्य. संभूति विजय के शिष्य. A disci. थाय छे. चक्रवर्ती के नव निधानों में से एक | ple of Sambhuti Vijaya. कप्प०.८%
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org