Book Title: Arambhsiddhi Lagnashuddhi Dinshuddhi
Author(s): Udayprabhdevsuri, Haribhadrasuri, Ratshekharsuri
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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॥ आरंसिलि॥ पटके केमेष १, मिथुन ३, सिंह ५, तुला , धन ए अने कुंज १ ए वे. आमांनी कोइ पण राशिमां सूर्यसंक्रांति होय तो ते राशिना अंकमां . बारे लाग लेता जे शेष रहे ते अंकवाळी तिथि ते संक्रांतिमां सूर्यदग्धा जा वृष २, कर्क ४, कन्या ६, वृश्चिक ७, मकर १० अने मीन १२ ए सम राशि ने कोइ पण राशिमां सूर्यसंक्रांति होय तो ते राशिना अंकमां बे उमेरी बारे ना शेष रहे ते तिथि ते संक्रांतिमां सूर्यदग्धा जाणवी.
उदाहरण-मेष राशि पहेली ने, तेथी एकमां पांच उमेरतां श्राय. तेनो नहीं चालवाथीब ज बाकी रह्या, तेथी मेष राशिनो सूर्य होय त्यारे बन्ने दग्ध तुला राशि सातमी, तेथी सातमां पांच नाखवाथी बार थाय. तेनो बारे शून्य वधे जे, तेथी तुलाराशिनो सूर्य होय त्यारे बारशने दग्धा जाणवी. धन रा बे, तेथी नवमां पांच नाखवाथी चौद थाय. तेनो बारे नाग लेतां बे शेष रहे धन राशिनो सूर्य होय त्यारे बीजने दग्धा जाणवी. ए रीते बीजी पण विषम जाणवू. वृष राशि बीजी बे, तेथी तेमां बे उमेरी बारे नाग लेतां नाग चा तेथी चारना चार बाकी रह्या; माटे वृष राशिनो सूर्य होय त्यारे चोथने दर मकर राशि दशमी , तेमां बे उमेरवाथी बार थाय. तेनो बारे जाग खेतांश तेथी मकर राशिनो सूर्य होय त्यारे बारश दग्धा जाणवी. मीन राशि बारमी उमेरतां चौद थाय तेनो बारे लाग लेतां बाकी बे रहे , माटे मीन राशिन त्यारे बीजने दग्धा जाणवी. ए जरीते बीजीसम राशिउंमां पण जाणवू. ते दर ते संक्रांतिना श्राखा मासमां तजवी योग्य वे.
दग्धा तिथिने ज स्पष्टताथी कहे .दग्धाऽर्केण धनुर्मीने २ वृषकुंन्ने ४ ऽजकर्किणि ६। ।
छन्छकन्ये ७ मृगेन्डालौ १० तुलैणे १२ व्यादियुतिथिः श्रर्थ-धनुष अने मीननी संक्रांतिमां बीजने दग्धा तिथि जाणवी. वृष अ संक्रांतिमां चोथ,मेष अने कर्कनी संक्रांतिमां बस, मिथुन अने कन्यानी संक्रांतिर सिंह ने वृश्चिकनी संक्रांतिमां दशम तथा तुला बने मकर राशिनी संक्रांति दग्धा तिथि कहेवाय जे. आ रीते सूर्यदग्धा तिथि जाणवी.
प्रसंगोपात्त चंषदग्धा तिथिने कहे ने (हर्षप्रकाश )"कुलधणे २ अजमिहुणे ४ तुलसीहे ६ मयरमीण विसकके ।
विलियकन्नासु १५ कमा बीयाई समतिही उ ससिदहा ॥" "कुंज श्रने धनना चंच होय त्यारे बीजने दग्धा तिमि जाणवी, मेष श्रने
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