Book Title: Arambhsiddhi Lagnashuddhi Dinshuddhi
Author(s): Udayprabhdevsuri, Haribhadrasuri, Ratshekharsuri
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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॥आरंसिधि॥ ते अंशने पण लग्नमां वर्जवो, कारण के तेथी पांचमे वर्षे मृत्यु थाय ने एम जाणवू. तेमां कां पण संशय नथी."
तथा अधिकांशग्रहं एटले लग्नमां अधिकार करेलो जे अंश उदय पामेलो होय ते अंशश्री अधिक एटले थागळना अंशोमां जे ग्रह रह्यो होय ते ग्रह नावरीतिए करीने आगळना स्थानमांज रहेलो कहेवाय बे, कारण के ते श्रागळना स्थानचेंज फळ श्रापे ने, तेथी था रीतिए करीने पण ते ग्रहे ते स्थान आश्रय करातुं तुं जो दोषने पामतुं होय तो ते पहेलाना स्थानमा रहेला ग्रहने पण तजवो जोइए. अर्थात् ते ग्रहे ते स्थान प्राप्त नथी कर्यु तोपण ते (स्थान) शूषित बे. ते विषे नास्कर कहे जे के
__"खग्नोदितांशान्यधिको ग्रहो यो, नावेऽग्रिमे नावफलेन स स्यात् ।
ग्रहो यदा नावफलेन याति, स्थाने निपिछे तमपीह जह्यात् ॥१॥" "खग्नमां कहेला अंशथी अधिक अंशमा रहेलो जे ग्रह होय ते नावफळे करीने आगळना स्थानमां एम गणवो, तेथी जो कोइ पण ग्रह (क्रूर ग्रह ) नावफळे करीने निषिद्ध (दूषित ) स्थानमा गयो होय तो तेने पण अहीं (लग्नमां ) तजवो." श्रहीं ए लावार्थ ने के-खनना जे ( जेटला) अंशो कहेला होय ते ( तेटला) अंशोमां जे ग्रह रह्यो होय ते ग्रह तेज स्थानना फळने आपे बे, अने जे ग्रह तेटला अंशोने उबंधन करीने रह्यो होय ते ग्रह श्रागळना स्थानना फळने आपनारो होय जे. एज रीते. बीजा, त्रीजा, चोथा विगेरे सर्वे स्थानोमां जाणवं. ते विषे लास्करेज कडं ने के
"लग्नस्य येडशा उदिता ग्रहो यस्तेषु स्थितः स्थानफलं स दत्ते।
यस्तानतीतः सलवेद्वितीयः, स्थानेष शेषेष्वपि चिन्त्यमेतत ॥१॥" "खनना जे (जेटला) अंशो कहेला होय ते (तेटला) अंशो सुधीमा जे ग्रह रहेलो होय ते ग्रह तेज स्थानना फळने आपे , अने जे ग्रह ते अंशोने उलंघन करी गयो होय ते ग्रह बीजो (बीजा स्थानमा रहेलो) थाय बे. एज रीते बीजां सर्वे स्थानोमां जाणवू." दैवज्ञवाजमां पण कर्तुं डे के
"खानस्थः प्रोच्यते सोऽत्र ग्रहो य नदितांशगः ।
वितीयोऽनुदितांशस्थः सर्वराशिष्वयं क्रमः ॥ १॥" "जे ग्रह कहेला अंशोमांरहेलो होय ते ग्रह अहीं लग्नमां रहेलो कहेवाय , अने जे ग्रह कहेला अंशोमा रहेलो न होय अर्थात् तेने उलंघन करी गयो होय ते ग्रह बीजा स्थानमां रहेलो कहेवाय बे.आज क्रम सर्व राशिने विषे जाणवो." अहीं सर्व राशिउने विषे एम जे कह्यं तेनुं तात्पर्य ा प्रमाणे जे.-सग्नमां रहेलो जेटलामो अंश कार्य वखते वर्ततो होय तेटलामोज अंश बारे स्थानोने विषे वर्ते जे एम जाणवू, तेथी करीने जे कोई स्थानने विषे जे ग्रह वर्तमान अंशने ओळंगीने रह्यो होय ते (ग्रह) तेनी आगळना स्थानमांज
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