Book Title: Arambhsiddhi Lagnashuddhi Dinshuddhi
Author(s): Udayprabhdevsuri, Haribhadrasuri, Ratshekharsuri
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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॥ लग्नशुद्धिः ॥
लग्गस्स होरा सा पढमा दिएयरस्स विसमम्मि । बाय तहिं ससिणो विवकएणं समे लग्गे ॥ ८५ ॥
लग्ननो अर्ध जाग होरा कहेवाय बे. तेमां मेष, मिथुन विगेरे विषम ( एकी) राशिमां पहेली होरा सूर्यनी ने बीजी होरा चंद्रनी बे, छाने वृष, कर्क विगेरे सम राशिमां ते विपरीत एटले पहेली होरा चंद्रनी ने बीजी सूर्यनी बे. ए. इति होरा । दिक्काणो तिजागो सो पढमो निययरासिा दिवइणो । बी पंचमपणो त पुण नवम गिवणो ॥ sorry ए लग्ननो त्रीजो जाग बे. तेमां पहेलो प्रेष्काण पोतानी राशिना स्वामीनो होय, बीजो तेथी पांचमी राशिना स्वामीनो अने त्रीजो नवमा स्थान ( राशि ) ना स्वामीनो होय . ए० इति द्रेष्काणः ।
० ॥
मेसे मेसाई विसंमि मयराइया नवसा । मिम्मि तुलाईया कक्के कक्काश्या हुंति ॥ १ ॥ पुण मेसमय तुलकक्कडाश्या चउसु सीहमाईसु । एवं धनुहाईसु वि नवंसया हुंति नायवा ॥ २ ॥
मेष लग्नमां मेष यदि लइने नव नवांशो गणवा, वृषमां मकरथी गएवा, मिथुन मां तुला कर्क कर्कश्री गणवा. ए१. एज रीते सिंह विगेरे चार राशिमां ने धनु विगेरे चार राशिमां अनुक्रमे मेष, मकर, तुला ने कर्कथी श्रारंभीने नव नव नवांशो गणवा. ए२. इति नवांशाः ।
बारसजागो पयको सो पढमो निरासिणो दोइ ।
ad बीयस्स उ जाव बार बारसस्स जवे ॥ ३ ॥
४३
दरेक राशिमां बार बार द्वादशांश होय बे. तेमां पहेलो दादशांश पोतानी राशिनोज होय, बीजो पबीनीज राशिनो होय, एम अनुक्रमे गणतां बारमो द्वादशांश पोतपोतानी राशिथी बारमी राशिनो आवे बे. ए३. इति द्वादशांशाः ।
कुजसणिगुरुबुदसुक्का पण ५ पण ५ छाड सत्त ७ पंच ५ अंसाणं । विसमे ती संसं पहू विवएणं समे लग्गे ॥ ए५ ॥
दरेक राशिमां त्रीश त्रीश त्रिंशांश होय बे. तेमां विषम राशिमां पदेला पांच त्रिंशांशोनो स्वामी मंगळ बे, बीजा पांचनो शनि बे, त्यारपबीना श्रावनो गुरु बे, त्यार
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