Book Title: Anjana Pavananjaynatakam
Author(s): Hastimall Chakravarti Kavi, Rameshchandra Jain
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar

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Page 12
________________ महाराज के चरण सानिध्य में सम्पन्न हुई, जिसमें देश के जैनाजैन मूर्द्धन्य विद्वानों ने वीरोदय के विभिन्न पहलुओं पर अपने आलेखों का वाचन किया और प्रत्येक विषय पर विद्वानों में पर्याप्त ऊहापोह हुआ। इसी सुअवसर पर श्री सेठो, भैंसा व पाटनी परिवार के अर्थिक सहयोग से यह अंजना पवनंजय नाटक प्रकाशित किया जा रहा है । अर्थप्रदाता को मेरी ओर से हार्दिक धन्यवाद । पूज्य मुनि श्री 108 सुधासागरजी महाराज एवं क्षुल्लक द्वय के चरणों में मेरा कोदिकोटि नमन हरत्ययं सम्प्रतिहेतुरेभ्यतः शुभस्य पूर्वाचरितैः कृतं शुभैः शरीरभाजां भवदीय दर्शन व्यक्ति कालत्रितयेऽपि योग्यताम् (महाकवि मात्र) धर्मानुरागी रमेशचन्द जैन

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