Book Title: Anjana Pavananjaynatakam
Author(s): Hastimall Chakravarti Kavi, Rameshchandra Jain
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ का सार लेकर अपने ग्रन्थ रचने का उल्लेख किया है। उनमें हस्तिमल्ल भी है । अतएव निश्चय से हस्तिमल्ल एक प्रतिष्ठापाठ है और वह यही है। आदिपुराण ( पुरुचरित) और श्रीपुराण नाम के दो ग्रन्थ कनाड़ी भाषा में भी हस्तिमल्ल के बनाये हुए उपलब्ध हैं। संस्कृत के समान कनड़ीभाषा पर भी उनका अधिकार था और शायद इसी कारण से यदि जन्मस्थान दीपंगुडि है, जैसा कि ब्रह्मसूरि ने लिखा है तो उनकी मातृभाषा तामिल होगी और ऐसी दशा में कनड़ीपर भी उन्होंने संस्कृत के समान प्रयत्नपूर्वक अधिकार प्राप्त किया होगा । gu০

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74