Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 13
________________ आगम संबंधी साहित्य अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए आ. JI सूत्राधावि. सूत्रे. १.स्था. अस्थि ण मैते ! सयासमियं ११ स. सहुमे० पवडा १२ १२ म. अस्थिचि किरियवादी ९ १३वा. अस्थि मे आया ८ ॥ ७ ॥ हैं अस्थे अमरिआवते ११ अथ मते ! अदसिक म० केलतियं कालं जोणी १. अदक्खु व दक्खु वाहियं १ | अदिस्समाणे कयविक्कयेसु८ अदीणसत्तुसंखे ११ अदु अंजणि अलंकारं ९ अकु कण्णणासच्छेद अदु बचरा उवचरति ८ सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. | अदुणाहणं च सुहीणं वा ९ अदुचरं च णं पुरिसविजय ११८ नि अदुधावरा य तसत्ताए ८ अदु पोरिसिं तिरियं ८ १५* अदुवा अदिनादाणं ८ अदुवा तत्थ परकमंतं ८ ५७२ १५३ * अदुवा माइणं च ८ अदु वायसा दिगिछन्ता ८ ८८* अदु साविया पवाएणं ९ २८४ * अदपुरे अपसुतो ९ २६८० | अदाणक्खत्वे एगतारे १० ७२ अधोलोग थे पंच अणुत्तरा१० ॐॐॐॐS HIN सूत्रायः। सूत्रायवि. सूत्रे. सूत्राय: २६० * | अनउत्थिता० कहणं सम १५ अंत३१ । णाणं २ किरिया १० १६७ १६ प्रश्न. ५५ * | अन्नउत्थिया० एवं खलु पाणाइ. ल१७ विपा. ४६* वट्टमाणस्स०अने जीवे अपने जीवाया १२ ५९७ २२१ अबउत्थिया एवं खलु १०५ * समणा पंडिया समणो० १०४ * बालपंडिया १२ २७२ * अनउत्थियाचलमाणे १८७ नि अचलिए १२ ८१ ५५ अनउत्थिया जावतिया । ४५१ | रायंगिहि जीवा १२ २५४ देखीए 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~13~

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