Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 62
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखी 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ८आ. ९सू १० स्था. ११ स. १२ म. ५ १३ ज्ञा. ॥ ५६ ॥ १० सूत्रायादि. सूत्रे. जंबूद्दीवस्स णं चत्तारि दारा १० जंबूद्दीवस्स गं० बाहिरिल्लाओ बेतितताओ जंबूद्दीवे० इमीसे ओस० भरहस्स० केरिसए आगा० १२ जंबूदीवे० एवए० चब्बीसं तित्थयरा ११ जंबूदीवेणं० भारहे० कइ कु. १२ जंबूद्दीवे० दाहिणेणं चतारि अंतरदीवा जंबूदीवे० देवकुरुउत्तरकुरुवजाओ सूत्रायड : | ३०३ ३०५ २४७ १५९ २०२ १० ३०४ १० ३०२ जंबूद्दीवे० मंदरस्स० दोवासा १० ८६ अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार ] सूत्रायादि. सूत्रे. जंबू! वितियं च अलियवयणं १७ जंबू ! वितियं च सचवयणं १७ जंबू मंदर० उत्तर०दो महदहा १० | जंबूमंदरदाहिणं भरहे दीहवेत नव कूडा १० ५८९ जंबूमंदरदाहिणणं गंगासिंधु. १० ७१७ जंबूमंदरपुर० सीतावे० सूत्राद्यादि. सूत्राद्यङ्कः ५ जं मयं सव्वसाहूणं जं सिप्पेगे पवेयंति २४ ८८ जैसी गुहाए जलणेऽतिउट्टे ९ जंसीलसमाचारो १० ~62~ १० ६३९ अड्ड अरहंता १० जंबूमंदरपुर० सीता० अट्ठदीवेयड्डा | जंबूमंदरस्स ० दो वासहर ५० १० ८७ जंबूमंदरस्स• सीतावे. अड्ड वक्खारपव्वया १० ५३७ सूत्रे. सूत्रायः ९ ५३०० ७७o ३११* १४०* जं हिययं कलुसमय जाई खेचाई खल ९ ५६७ जाई च बुद्धिं च इहज्ज पासेट जाईप अणुविट्टमाणे जाए फले समुप्पने जाए सदाए निक्खंतो जागर सर्व मईए जाणमाणो परिसओ १० २७ १० ९ ९ ८ २८० ४* ३८३० २९३* २० ८ ६४ २९ ११ १५२ १४ उपा. १५ अतअनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. | ॥ ५६ ॥

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