Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 108
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखी 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. ॥१०२॥ अंग-सूत्रादि-अकारादि [ प-कार ] सूत्राचादि. सूत्रे. सूत्राद्यादि. सूत्रे. पासिय आउरपाणे ८ १२ ६७२ सूत्रायङ्कः | सूत्रापहः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राचकुः ११० पुच्छिस्सु णं समणा माह० ९ ३५२# पुढ विक्काइए णं० इमीसे रय० | पासे णं अरहा पुरिसादाणिए १० ६९० पुच्छि जंबुणामो ९ ८५नि पु० समो० पासे भिसं णिसीयंति पाहणेण उपय पाहणे महसदो पाहले महसदो पिउसेणकण्हा नवमी ९ ९ २४९* पुढे गिम्हाहितावेणं १२ ९ १६९० पुढविडिति ओगाहण ८ २५५नि. पुढेण मे चिट्ठा भूमिबट्टिए ९ ३६२* पुढविदगाणं तु रसं ८ ३५० नि. पुट्ठो य दंसमस हिं ९ १७६० पुढवि जगाहि ८३नि. १५ १०॥*" पुढ विकाइए ० इमीसेर०१२ ६०५ पिनागपिंडीमवि विद्धसले ९ ६९४* पुढविकाइए णं० सोहम्मे कप्पे पिया ते थेरओ तात! ९ १८४७ समोहए पिंडेसणसिज्जिरि पिंडेसणाए जा णिज्जुती पीती य दोण्ह दुओ पुच्छिस्सऽहं केवलियं FER ५३ ८ १०३नि. १५* ३८ १२ २० पुढविच आउकार्य च ८ | पुढविं समारभंता पुढवी आउक्काए पुढवी आउ तेऊ य पुढवी उ अगणी बाऊ पुढवीए जे दारा वणसहकाए ८ १२६ नि. | पुढबीए निक्खेवो १२३ नि. ९ १८* ९ ४४४० १२ ६०६ ११ २०* पुढविकाइयस्स णं० के महा० १२ ६५४ ८ २९८नि. पुढविकाइया पं० कओहिंतो०१२ ७०२ ९ १९३ नि. पुढविकाइया में पुढविकार्य ६८नि. ९ ३००० देव आणमंति वा४ १२३९१ | पुढवी जीवा पुढो सत्ता ९ ५०३ ~ 108~ १४ उपा. १५ अंतअनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥१०२॥

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