Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 127
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [स-कार ] साहित्य k प्रत सूत्रांक ८आ. ९. १०स्था. ११ स. १२ भ. १४ उपा. १५ अंत यहां देखीए १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥१२॥ 4%A3 दीप क्रमांक के लिए देखीए सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्रामावि. सूत्रे.. सूत्रायक है। सत्तमस्स उ०पोलासपुरे १४ ३९ | सत्चबिहा वायरवाउकाइया १० ५४७ | सत्त सरा पण्णचा १० ५५३ | सत्तमस्स वग्गस्स उक्खेव०१३ १६१ | सत्तविहा संसारसमावनगा | सच सरा य ततो गामा १. ७६* | सत्त मूलगोचा पण्णत्ता १० ५५१ | जीवा १० ५६० सत्त संठाणा पण्णता १. ५४८ सत्त मूलनया पण्णता १० ५५२ | सत्तविहे गणवकमणे | सत्त सेढीओ पण्णत्ता १० ५८ | सत्तमे ०ओवासंतरे किं गुरु१२ ७४ सत्तविहे दंसणे १. ५६५ सहि काहिं चाउच सत्तरसविहे असंजमे ११ १७ सत्तविहे वयणविकप्पे १० ५८४ । ससहि ठाणेहिं ओगाई १० ५५९ सत्त विकहाओ पण्णताओ १० ५६९ | सत्तविहे विणए पण्णचे १० ५८५ सत्तहिं ठाणेहिं छउमत्थं १० ५५० सत्तविधा दंडनीती | सत्तविहे विभंगण्णाणे १० ५४२ | सत्तावीसं अणगारगुणा ११ २७ सचविधा सव्वजीवा १. ५६२ | सत्तसतमियाए ण भिक्खु०११ ४९ सत्तिकगाणि इफस्सरगाणि ८ ३२३नि. सत्तविधे आउभेदे १० ५६१ | सत्त समुग्धाता पण्णता १० ५८६ | सत्तिक्कगाणि सत्तयि ८२९.नि. सत्चविध कायकिलेसे १० ५५४ | सत्त सराउ का १० ६३ | सत्थपरिण्णा अत्थो ८ १३नि. सत्चविधे जोणिसंधे ५४३ | सच सरा जीवनिस्सिता १० ४८ । सत्थपरिण्णा लोगविजओ]८ ३१नि सत्चविधे संजमे १० ५७१ | सत्त सराणाभीतो १० ६४ । J११२०१९ SEARCAAAAAC% -% * % ॥१२॥ 'सवृत्तिक आगम % ) सुत्ताणि ~127

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