Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 130
________________ आगम संबंधी साहित्य अंग-सूत्रादि-अकारादि [ स-कार ] प्रत A सूत्रांक यहां देखीए १०स्था, SA-%-I १२म. दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९मा सूत्राधावि. सूत्रे. सूत्राधा सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायका सूत्राथापि. सूत्रे, सूत्राधकः | १४ उपा. समयाति वा आवलियाति वा१. ९५ | समूसिया तत्थ बिमाणियंगा ९ ३३५७ | सपणेहि वितिमिस्सेहि ८ ४७० १५ अंतसमवसरणेऽपि छकं ९ ११६नि. सम्मत्तुप्पत्ती साबए य ८ २२२नि | सयमेव अभिसमागम्म ८ ११०* समारभंते वणिया भयगाम ९ ६८९% सम्मदिट्ठिता ण नेर०चचारि१० ३६९ १३ ज्ञा सयं कडं न अण्णेहि १६ प्रश्न ९ १७विपा. | समालवेज्जा पडिपुग्नभासी ९ ६०* सम्मदिद्विनेरइया णं भंते ! सयंजले सयाऊय ११ ७६* ॥१२४॥ समाहारा सुप्पतिण्णा १० १० कहिं उव० १२ ८०९ | सयं विवायए पाण ९ समिए उ सया साह ९ ८८० | सम्मदिट्ठी किरियावादी ९ १२१नि सयं दुक्कडं च न बदति ९ २६५ समिए एपाणुपस्सी ८ ७९ सम्मदिट्ठीणं चत्तारि भंगा १२ ८१२ सयंभुणा कडे लोए ५ ६६० | समिच्च लोग तसथावराणं ९ ६७२७ | सम्मप्पणिओ मग्गो ९ ११२नि | सर्य समेच्चा अदुवावि सो०९ ५७५७ | समुच्छिहिंति सत्थारो ९ ६३९% सम्मिस्समावं च गिरागहीए९ ५३९० | सर्य सयं पसंसंता ९ ५०* | समुट्ठिए अणगारे आरिए ८ ८८ सयज्जले सयाऊ य १० १६५७ सयं सहस्साण उ जोयणाणं ९ ३६१* | समुदाणियाणिह तओ ९ १६८नि सयणासणेहिं जोगेहि ९ २५०* | सया कसिणं पुण धम्मठाणं ९ ३०० | समुप्पेहमाणस्स इक्काययण०८ १४९ सयणे य अदढतं ८ १७२* | सयाजलं नाम निह महत ३३७* F ॥१२॥ समूसिय नाम विधूमठाणं ९ ३३४* ' सयणेहिं तत्थुवसग्गा . ८ ७१ सयाजला नाम नदीभिदुग्गा ९ ३४७* II 'सवृत्तिक आगम - वन सुत्ताणि ~130~

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