Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 95
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' ८आ. ९सू १० स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ॥ ८९ ॥ सूत्राचादि. सूत्रे. देवे णं० रूवसहस्सं विउब्वित्ता सूत्रयङ्क: पभू अम० संगामं संगा०१२ ६३६ देवे गं० लोगंत ठिच्चा पभू अलोगंसि हत्थे वा० आउं०१२ दो असुरकुमारिंदा पं० १० दो किरियाओ पनत्ताओ १० दो चक्कवट्टी अपरिचत० १० दो चैव सुखधा दोच्चारणं सक्करप्पभाए १० दो ठाणाई अपरियाणित्ता १० दो ठाणाई परियादित्ता १० दोण्डं उबवाए पं० दोपि रत्तसुक्काणं ९ १० १० ५८७ ९४० ६० ११२ २२नि १४६ ६४ ६५ ८५ ३१ अंग-सूत्रादि- अकारादि [ द-कार ] सूत्राद्यादि. सूत्रे. दो तित्थगरानी प्लसमा १० दो दंडा पा १० दो दंडा पद्मता सूत्राद्यङ्कः १०८ ~ 95~ ६९ २ १९ दो दिमाओ अभिगिज्झ १० दो भंते! असुरकुमारा एगंसि१२ दो भंते! असुरकुमारा एमसि १२ ६३० दो भंते! दब्बा किं पयोगपरि०१२ ३१३. ६२८ दो भंते! नेरतिया एगंसि ने२०१२ दो भंते! नेरतिया पढमसमयो लगा किं समजोगी ०११२ दो भंते! पुरिसा सरिसवया० एगे पु० पराइणइ० से क० १२ ७६ ६२७ ७१९ ७१ सूत्राद्यादि. सूत्रे. दो भंते! पुरिसा सरिसया एगे पु० अगणिकार्य उ०१२ दो मरणारं समणेणं दोसकलिया सललिये दो समाओ पद्मत्ताओ सूत्रायड : ३०६ १० १०२ १३ २३ १० ६७ दोसु कप्पे कप्पत्थियाओ १० दोसु कप्पेसु देवा काय० दोसु कप्पेसु देवा तेउलेस्सा १० दोहिं ठाणे अग १० दोहिं ठाणेहिं आता केव० १० दोहिं ठाणेहिं आता सरीरं १० दोहिं ठाणेहिं आया अधो० १० दोहिं ठाणेहिं आया केवाले १० ११४ १० ११६ ११५ ६३ ९८ ९७ ८० ६६ १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ।। ८९ ।।

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