Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 101
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [ न-कार + प-कार ] साहित्य प्रत सूत्रांक १४ उपा. |१५ अंत आ. ९. १.स्था. ११ स. १२ म. १३ ज्ञा. ACख देखीए १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥९५॥ दीप क्रमांक के लिए देखीए पकार सूत्राधादि. सूत्रे. सूत्रायकः। सूत्राद्यावि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्रायादि: सूत्रे. सूत्रायक नो कप्पइ निम्गंथाण वा० | पउमं उच्चघेत्तुं ९ १६२नि. पज्जत्तसंखेज्जवासाउय. पढमपाउसंसि गामा० १० ४१३ पउमावती य गोरी १५ ५७ जे भविए सक्कर से ण के०१२ ६९८ | नो कप्पति निग्गंथाण वा० पउमुत्तर नीलवते १० ९४ पज्जत्तसंखेज्जवासाउय० चउहिं महापडिवएहिं०१० २८५ ११ १२१७ जे भविए सक्क से ण केवह | पउमुत्तरे महाहरी | नो चेव ते तत्थ मसीभवंति ९ ३१५* कालहितीएसु उव० १२ ६९६ | नो तासु चक्खु संवेजा पउमेणं. एगपत्तए किं एग९ २५१* | जीचे अणेग० १ २ ४१३ । | पज्जत्तीभाव खलु ९ २०३नि. पउमे य महापउमे | पडिचोइओ य कृषिओ |पईवस्स णंझियायमाणस्स ११ ८ २६८नि. १५७७ पडिमागतस्समीवे ९ १९७नि. किं पदीचे झियाति ५१ १२ ३३४ पओगपरिणयाण०पोग्गला १२ ३०९ | पउमप्पभस्स चित्ता १० ३२७ पक्खिप्प तासु पययति बालं ९ ३२४०। कप्पति तओ उवस्सया १० १९१ पउमप्पमेण० अड्डाइज्जाई पगईचउकगाणंतरे ८ २१नि. पडिमापडिवनस्स णमण. 3 घणुसयाई उड्डे ११ १०३ | पच्चखाण जाणइ. १२ ४२७ कप्पंति चचारि भासातो १० २३७ | पउमप्पहे णमरहा पंचचित्ते१० ४११ । पच्चखाणे विउस्सग्गे . ११ ५८% | पडिलोमे सुदाई ८ २४नि, AKSHARALE ॥९५॥ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~101~

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