Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 93
________________ आगम संबंधी साहित्य प्रत सूत्रांक यहां देखीए दीप क्रमांक के लिए देखीए रावृत्तिक आगम सुत्ताणि' ८आ. ९. १० स्था. ११ स. १२ भ. १३ ज्ञा. 11 20 11 य सूत्रायादि. सूत्रे. दीवकुमारा णं भंते! सब्बे १२ समाहारा ? दीवदिसाउदहीणं दीवदिसाउदहीणं दीवदिसा उदहीण दीसंति समियायारा दुओणयं जहाजा दुक्खाउए उदिने १२ दुक्खी भंते! दुक्खेण फुडे० १२ दुक्खी मोहे पुणो पुणो दुग्गइफलवादीर्ण दुपएसाइ दुरुचर दुपए सिता खंधा अनंता ११ ११ ६१* दुविह वणस्सजीवा ६९* दुबिपिविचार्ण ११* दुविईमिवि तिगभेदो ९ ६६६* दुविहं समिच्च महावी १२ ११ ९ ९ अंग-सूत्रादि- अकारादि [ द-कार ] ८ १० सूत्राचङ्कः सूत्राचादि. दुबालसंगे गणिपिडगे ५९० दुबिट्टू य तिविड व सूत्रे. ७* दुबिहा आराहणा पद्मत्ता ६* दुविधा उ आउजीवा दुविहा उ वाउजीवा २६५ १५४* दुविहा खलु तसजीवा १११नि दुबिहा गरिहा पन्नत्ता ४४ नि, दुबिहा नेरइया पद्मत्ता दुविधा पुढविकाइया पं० ११८ ~ 93 ~ ११ ११ ८ १० ८ ८ ८ १८ | दुविहा थ तेउजीवा ९ ११० नि. दुविधा य पुढविजीवा ८ ५७# दुविधा य भावसिज्जा ८ १० सूत्राचादि. दुविधा वायरपुढवी १५९* दुविहा बोधी पचत्ता १२७नि दुविहा मुच्छा पद्मत्ता १० १० सूत्रायहः ६३६ १०७ १०७नि १६५ नि. १५३ नि. ६१ ७९ ७३ सूत्रे. दुविधा सदा पद्मत्ता दुविधा संसारसमावअगा दुविहे अद्धोमिए पद्मते दुविहे आवारे पनते दुबिहे उम्माए पन दुविहेकाले पष्णते दुविहे कोहे पक्ष सूत्रायङ्कः ८ ७२नि. १० १०४ १० १०६ ८ ११७ नि. ૮ ७१नि. ८ ३०४नि. १० १० १० १० १० १० १० ८३ १०१ ९९ ८४ ६८ ७४ १०० १४ उपा. १५ अंत अनु. १६ प्रश्न. १७ विपा. ॥ ८७ ॥

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