Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 66
________________ आगम संबंधी अंग-सूत्रादि-अकारादि [ ज-कार] साहित्य प्रत सूत्रांक यहा देखीए K9SCHEMOG दीप क्रमांक के लिए देखीए ८आ. ९सा सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्राधकः। सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राधकः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः १४ उपा. जीवे णं सया समियं एयति७ जे इमे० असनिणो पाणा. . जे केइ बाला इह जीवियट्टी ९ ३०२* ला१५ अंत११ स. * तं तं भावं परिणमति ? १२ १५२ - एए अंधा० अकामनिक जे केइमे अगारत्था ८ ४८* | १२ म. 18जीवो छक्कायपरूवणा १६ प्रश्न ३५नि. रणं वेदणं वेदंतीति०१ १२ २९१ जे केइ लोगमि उ अकिरिय ९४८८५ १३ ज्ञा. ८ ४१७ विपा. जुद्धारिहं खलु दुल्लहं ८ १५५ जे इह आरंभनिस्सिया ९ १५१७ जे कोहणे होइ जगट्ठभासी ९ ५६१० ॥६॥ जुवती समणं व्या ९ २७१* | जे इह सायाणुगा नरा ९ १४६* जे कोहदंसी से माणदंसी ८ १२६ जे अ आहम्मिए जोए ११ ५१% | जे उ संगामकालंमि . ९२०९४ जे खलु भो! वीरा ते समिया ८ १४१ जे अ माणुस्सए भोए ११ ५२७ / जे एगं जाणइ से सव्वं ८ १२३ जे गरहियं ठाणमिहावसंति ९ ७१९७ जे आयओ परओ वावि णचा ९ ५५३* | जे एय उंछं अणुगिद्धा ९ २५८% जे गुणे से आवट्टे ८ ४१ जे आया से विनाया ८ १६६ जे एय चरंति आहिय ९१३६* जे गुणे से मूलढाणे ८ ६३ जे आवि अप्पं वसुमंति मचा९ ५६४* जे एवं नाभिजाणंति ९ ४०* जे छेए से सागारियं न सेवइ ८ १४५ जे आसवा ते परिस्सवा ८ १३१ ।। जे कहाहिगरणाई ११ ५०* जे जिणवरा से अईया ८ २२५नि. जे इमे०अज्जत्ताए समणा० जे केइ खुद्दगा पाषा ९ ६४१* जे ठाणओ य सयणासणे य कस्स तेयलेस्स वीतीवयंति:१२ ५३७ जे केइ तसा पाणा ९ ८३ जेणं. परं अलिएणं. ९ ५८४* CPECeRocieREPHECK 'सवृत्तिक आगम ॥ ६ ॥ सुत्ताणि ~66~

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