Book Title: Ang Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 75
________________ आगम संबंधी साहित्य अंग-सूत्रादि-अकारादि [त-कार ] प्रत सूत्राक ८आ. ९स १०स्था. यहा अनु. देखीए १२ म. १३ ज्ञा. ॥६९॥ दीप सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राद्यङ्कः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे, सूत्रायक' १४ उपा. तिएणं से देवे पिसाय० काम- तएणं से महासयए पढम तएणं से सद्दालपुत्ते वाया |१५ अंत&ा देवं हंभो कामदेवा १४ २० । उवासगपडियं १४ ५१ - हयं कोलालभड १४ ४२ तएणं से देवे पिसाय काम- तए णं से महासयए वीस वएणं से संखे कोहवसट्टेणं १६ प्रश्न. | देवं जाहे नो संचाएइ १४ २१ । वासाई समणोवासय० १४ । जीवे किं बंधए ४ दि.१७विपा५४ १२ ४३९ तए णं से देवे सप्पस्वे १४ २३ तएणं से मागंदियपुत्ते अण. तएणं से संखे समणोवासए१२ ४३७ तएणं से देवे हत्थिरूवे १४ २२ | जेणेव समणे १२ ६२० | तओ आयरक्खा १० १७२ तए णं से चले राया कोढुंबिय१४ ४२८ | तए णं से सद्दालपुत्ते जेणेव तओ इंदा पण्णता १० ११९ | तओ ठाणा णिस्सीलस्स १० १६१ तए णं से भगवं गोयमे । असोगवणिया १४ ४० तओ णियंठा णोसण्णोव० १० १५८ ट्र जायसड़ १२ ८ तएणं से सद्दालपुत्ते जाए तओ तित्थयरा चकवट्टी १० २३१ तए णं से भगवं गोयमे ज- अभिगयजीवाजीवे १४ ४९ । तओ दंडा पं० ११ ३ मालि. कालगयं जा. | तए णं से सद्दालपुत्ते. सम- तओ पबत्तीओ कालेण १० १५२ जेणेव समणे० १२ ३८७ | णस्स ३ अंतिए धम्म १४ ४३ | तओ लोगे णिस्सीला णिब्ब०१० १५० क्रमांक के लिए देखीए RAAAAAAनर AAAAAACHAR 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि ~75~

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